रामनगर , मध्य प्रदेश : बीजेपी शासित मध्य प्रदेश में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। जहां मंत्रियों और अफसरों की मौजूदगी में एक आदिवासी लड़की की मुस्लिम से शादी करा दी गई। जबकि लड़की का परिवार इसके लिए तैयार नहीं था। यह शादी मुख्यमंत्री कन्यादान योजना कार्यक्रम के तहत हुई।बताया जा रहा है इस बेमेल शादी कराने के पीछे अफसरों के टारगेट पूरा करने की वजह रही। जिन्हें किसी भी कीमत पर एक हजार से अधिक जोड़ों की शादियां करानी थीं। रामनगर जिले में गुरुवार(26 अप्रैल)को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का कार्यक्रम आयोजित हुआ।जिला प्रशासन पर कम से कम एक हजार जोड़ों की शादी का दबाव था। सामूहिक विवाह समारोह में केंद्रीय राज्यमंत्री सुदर्शन भगत, मंडला सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते, राज्यसभा सांसद संपतिया और कलेक्टर सूफिया फारुकी मौजूद रहीं। एक न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक आदिवासी लड़की के परिवार मुस्लिम से निकाह के लिए तैयार नहीं थे, मगर अधिकारियों ने दबाव डलवाकर मुस्लिम युवक से शादी करा दी। समारोह में नेताओं और अफसरों ने जोड़ों और उनके परिवार के साथ ठुमके भी लगाए।
बता दें कि इससे पहले टारगेट पूरा करने के फेर में योजना में धांधली का कई बार खुलासा हो चुका है। कहीं शादीशुदा जोड़ों की दोबारा शादी के मामले सामने आ रहे तो कहीं नाबालिगों के। ताकि शासन स्तर से सराहना बटोरी जा सके। मध्य प्रदेश के मंडला जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना कार्यक्रम में काफी भीड़ जुटी।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर शुरू हुई है। इसके तहतच गरीब,जरूरतमंद और बेसहारा परिवारों की बेटियों की शादी करने के लिए 15 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। लड़की की उम्र 18 वर्ष होनी जरूरी है।