लखनऊ: राजधानी के पुराने लखनऊ में 12 रबी-उल-अव्वल पर 21 नवंबर को जुलूस-ए-मदहे सहाबा (रजि.) और जुलूस-ए-मोहम्मदी कड़ी सुरक्षा के बीच निकाला गया। जुलूस-ए-मदहे सहाबा झंडे वाला पार्क से सुबह 9 बजे परचम कुशाई के बाद रवाना हुआ, जो ऐशबाग ईदगाह में खत्म हुआ। वहीं जुलूस-ए-मोहम्मदी दरगाह शाहमीना शाह से दोपहर 12 बजे निकाला गया हो ज्योतिबा फूले पार्क में जश्न में तब्दील हुआ। इस दौरान नबी सलाम अलैहा का३या रसूल सलाम अलैहा के नारे फिजाओं में गूंज उठे। जुलूस के बाद जोहर की नमाज दारुल उलूम फरंगी महल ईदगाह ऐशबाग की मस्जिद में दोपहर दो बजे अदा की गई। जुलूस के ईदगाह पहुंचने पर जलसा ‘सीरतुन्नबी व सीरत सहाबा और तहफ्फुज शरीअत’ हुआ, जिसे उलमा-ए-क्राम व दानिशवराने मिल्लत ने खिताब किया। अपनी पूरी शानोशौकत से हजरत मुहम्मद साहब की आमद पर बुधवार को मदहे सहाबा का जुलूस निकाला गया। जुलूस में शहर की 200 अंजुमन अपने-अपने परचम के साथ नात और मनकबत पढ़ती चल रही थी, तो जायरीन नबी-ए-करीम की शान में ‘या नबी सलाम अलैका, या रसूल सलाम अलैका’ पढ़ते जुलूस के संग-संग चल रहे थे।
सुबह 9 बजे अमीनाबाद झंडेवाला पार्क में परचम कुशाई की रस्म अदा के बाद मजलिस तहफ्फजे नामूसे सहाबा के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल अलीम फारुखी परचम ने जुलूस की रस्म अदा कराइ। सरायमाली खां की अंजुमन फातहे बैतुलमुकद्दस ने तराना-ए-परचम पेश किया। अमीनाबाद झंडेवाला पार्क में अंजुमन के पहुंचने का सिलसिला सुबह आठ बजे से शुरू हो गया था। जुलूस अमीनाबाद से मौलवीगंज, रकाबगंज, नादान महल रोड, नक्खास, टूढियागंज, बाजार खाना से हैदरगंज होता हुआ ऐशबाग ईदगाह पहुंचा। बारावफात के जुलूस को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न करवाने के लिए लखनऊ पुलिस ने सुरक्षा-व्यवस्था का पूरा खाका तैयार कर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। जमीन के साथ-साथ आसमान से भी लोगों पर नजर रखी जा रही थी। इसके लिए ड्रोन कैमरे की व्यवस्था के साथ आस-पास की गलियों और छतों का एरियल व्यू दे रहे था। जुलूस के दौरान शहर में जमीन से लेकर आसमान तक सख्त पहरा रहा। जुलूस के सम्पूर्ण मार्ग में पड़ने वाले अतिसंवेदनशील स्थलों के आस-पास स्थित ऊंची-ऊंची इमारतों पर सशस्त्र, टीयर गैस, रबर बुलेट व ड्रैगन लाइट के साथ ड्यूटी लगाई गयी थी। इमारतों के छत से निगरानी रखने वाली पुलिस की टीम बाइनाकुलर (दूरबीन) और वीडियो कैमरे से लैस थी। मार्ग के अति संवदेनशील बिन्दुओं पर थाना व चैकी प्रभारियों की ड्यूटी लगाई गई थी।
जुलूस में हर गतिविधि की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई है। जुलूस के सकुशल संपन्न होने से प्रशासनिक अधिकारी काफी खुश दिखे। फोर्स में 20 एएसपी, 50 सीओ, 80 एसओ, इंस्पेक्टर, 400 सब इंस्पेक्टर, 2500 हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल, 14 कंपनी पीएसी और 6 कंपनी आरएएफ की ड्यूटी लगाई गई थी। साथ ही साथ मोबाइल वैन भी जुलूस में मुस्तैद थी। जूलूस के दौरान 30 विशेष वाहन (चार पहिया) और 63 बाइकों पर दंगा निरोधी उपकरणों से लैस पुलिस बल लगातार गस्त कर रहा था। इसके अतिरिक्त घुड़सवार पुलिस फायर सर्विस व वज्र वाहन आदि लगाये गये थे। एएसपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी के मुताबिक जुलूस मार्ग पर 150 जगह छतों पर असलहों और दूरबीन से लैस पुलिसकर्मी तैनात थे।बारावफात पर निकलने वाले जुलूस के अवसर पर एसएसपी लखनऊ कलानिधि नैथानी मय फोर्स के सुरक्षा व्यवस्था को लेकर स्वयं कमान संभाले हुए थे। जुलूस शांति पूर्वक निकाला गया। बारावफात के जुलूस को सकुशल संपन्न कराने के लिए जुलूस में शामिल अंजुमनो को एसएसपी लखनऊ ने तोहफे देकर सम्मानित किया।