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मतदान से एक दिन पहले मतदाताओं की उंगलियों पर जबरन लगाई गई स्याही, ग्रामीणों ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लगाए आरोप बोले- 500 रुपये देकर कहा किसी को बताना नहीं

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के मतदान से एक दिन पहले मतदाताओं की उंगुलियों पर जबरन स्याही लगाने का मामला सामने आया है. मामला यूपी की चंदौली सीट का है. इस संसदीय सीट के तहत पड़ने वाले तारा जीवनपुर गांव के लोगों का कहना है कि मतदान से एक दिन पहले उनकी उंगलियों पर जबरन स्याही लगा दी गई. इसके साथ ही उन्हें 500 रुपये दिए गए. ऐसा करने वाले उनकी गांव के रहने वाले ही तीन लोग थे. उन्होंने कहा, ‘वे लोग भाजपा के थे. उन्होंने हमसे पूछा कि क्या हम पार्टी के लिए वोट डालेंगे. उन्होंने हमें कहा कि अब आप वोट नहीं डाल सकते. किसी को बताना नहीं.’ चंदौली के एसडीएम कुमार हर्ष ने इस मामले पर कहा, ‘शिकायतकर्ता अभी पुलिस थाने में हैं. वे लोग जो शिकायत दर्ज कराते हैं,

उसके मुताबिक हम लोग कार्रवाई करेंगे. वे अभी भी वोट डालने के योग्य हैं क्योंकि चुनाव तब शुरू नहीं हुए थे. उन्हें अपनी एफआईआर में लिखवाना होगा कि उनके उंगलियों पर जबरन स्याही लगाई गई है.’ ने इन मतदाताओं की उंगुलियों पर लगी स्याही वाली तस्वीरें जारी की हैं. इन लोगों ने अपने हाथ में उन्हें कथित तौर पर दिए गए नोटों पकड़ रखे हैं और उनकी उंगलियों पर स्याही लगी हुई है. बता दें, लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में उत्तर प्रदेश की 13 सीटों पर रविवार को होने वाले मतदान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत कई दिग्गजों का सियासी भविष्य तय होगा. इस चरण में वाराणसी के अलावा गाजीपुर, मिर्जापुर, महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, चंदौली और रॉबट्र्सगंज सीटों के लिये मतदान होगा.

इस चरण में कुल 167 प्रत्याशी मैदान में हैं. सातवें चरण में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा केन्द्रीय मंत्री मनोज सिन्हा (गाजीपुर), अनुप्रिया पटेल (मिर्जापुर), प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय (चंदौली), पूर्व केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री आर.पी.एन. सिंह (कुशीनगर) जैसी सियासी हस्तियों का भाग्य तय होगा. सबकी निगाहें प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय निर्वाचन और उम्मीदवारी वाले क्षेत्र बनारस पर लगी हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में चली लहर का केन्द्र बने मोदी ने करीब तीन लाख 72 हजार मतों से यह सीट जीती थी. इस बार भी उनकी जीत सुनिश्चित मान रही भाजपा के सामने मोदी को पिछली दफा के मुकाबले अधिक मतों से जिताने की चुनौती है.

वैसे तो भाजपा ने गोरखपुर सीट पर भोजपुरी अभिनेता रवि किशन को मैदान में उतारा है, मगर इसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा से जोड़कर देखा जा रहा है. योगी यहां से पांच बार सांसद चुने जा चुके हैं. हालांकि पिछले साल इस सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा को सपा के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा था. लिहाजा इस बार यह सीट जीतना भाजपा के लिये प्रतिष्ठा का सवाल है. केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर से दोबारा संसद पहुंचने की उम्मीद लगाये हैं. ऊंट किस करवट बैठेगा, यह 23 मई को पता चलेगा. सातवें चरण में भाजपा 11 सीटों पर जबकि उसका सहयोगी अपना दल—सोनेलाल मिर्जापुर और रॉबर्ट्रसगंज सीटों पर चुनाव लड़ रहा है.

पिछले लोकसभा चुनाव में सातवें चरण की सभी 13 सीटों पर भाजपा और उसके सहयोगी ने ही जीत दर्ज की थी. इस चरण का मतदान महागठबंधन कर चुनाव लड़ रहे सपा के आठ और बसपा के पांच प्रत्याशियों के भाग्य का भी फैसला करेगा. पिछले लोकसभा चुनाव में लगभग धराशायी हो चुके सपा और बसपा का इस दफा गठबंधन बन जाने से वह भाजपा के लिये एक चुनौती के तौर पर उभरता दिख रहा है. इस चरण में 167 उम्मीदवार मैदान में हैं. सबसे ज्यादा 26 प्रत्याशी वाराणसी में ताल ठोंक रहे हैं. इस चरण में दो करोड़ 32 लाख से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे.

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