राहुल यादव, लखनऊ।मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम-11 को दिशा निर्देश दिए।
कोविड की इस विभीषिका के बीच राज्य सरकार प्रत्येक नागरिक के भरण-पोषण की समुचित व्यवस्था के लिए संकल्पित है। राज्य सरकार पीडीएस अंतर्गत पात्र गृहस्थी और अंत्योदय कार्ड धारक को देय राशन मई और जून माह में निःशुल्क प्रदान करेगी। इसमें ई-पॉश मशीनों से नेशनल राशन पोर्टिबिलिटी की सुविधा के साथ अधिकाधिक लोगों को लाभान्वित किया जाए। राज्य सरकार द्वारा दिया जा रहा यह राशन भारत सरकार द्वारा एनएफएसए अंतर्गत मई-जून माह के लिए घोषित निःशुल्क राशन के अतिरिक्त होगा। संबंधित विभाग इस संबंध में तत्काल कार्ययोजना तैयार करे।
ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना के लिए निजी क्षेत्र की ओर से निवेश के कई बड़े प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। यह न केवल भविष्य में ऑक्सीजन उत्पादन को बढ़ाने वाले होंगे, बल्कि रोजगार सृजन के दृष्टिगत भी महत्वपूर्ण सिद्ध होंगे। यूपीसीडा, औद्योगिक अवस्थापना और एमएसएमई सहित सभी संबंधित विभाग इन प्रस्तावों का परीक्षण कर इन्हें यथा आवश्यक सहयोग प्रदान करें।
कोविड की पिछली लहर में आयुष विभाग की भूमिका सराहनीय रही थी। इस बार उन्हें उसी तत्परता के साथ सक्रिय होने की आवश्यकता है। लोगों को आयुष काढ़ा सहित अन्य उपयोगी औषधियां मुहैया कराई जाएं।
आइसीसीसी से भेजे गए मरीज को भर्ती करना अस्पतालों के लिए अनिवार्य है। रिक्त बेड्स के बारे में हर दिन दो बार सार्वजनिक रूप से जानकारी दी जाए। सरकारी अस्पताल में बेड नहीं खाली है तो निजी अस्पतालों में भर्ती कराया जाए, अगर मरीज भुगतान में सक्षम नहीं है तो राज्य सरकार भुगतान करेगी। लेकिन एक भी मरीज को इलाज से वंचित नहीं रखा जाएगा। सभी जिलों में यह व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए।
मेरठ, हाथरस सहित कुछ जिलों में अवैध शराब की गतिविधियां घटित हुई हैं। अपर मुख्य सचिव आबकारी के स्तर से ऐसी घटनाओं की समीक्षा कर आवश्यक कार्रवाई की जाए।दोषियों के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
चीनी मिलों का संचालन यथावत जारी रहे। गन्ना मूल्य भुगतान की कार्यवाही तेजी से हो रही है। इसकी लगातार समीक्षा की जाए। एक भी किसान का गन्ना मूल्य का बकाया न रहे। चीनी मिलों में सैनीटाइज़र का निर्माण तेजी से किया जाए।
अस्पतालों और ऑक्सीजन प्लांट की सुरक्षा के सभी जरूरी इंतजाम किए जाएं। इन संवेदनशील स्थलों पर पुलिस बल की तैनाती रहे। जिलों में कंटेनमेंट ज़ोन और क्वारन्टीन सेंटरों की व्यवस्था को सुदृढ किया जाए। सभी गांवों में क्वारन्टीन सेंटर तैयार किये जाएं। आइसीसीसी और पब्लिक एड्रेस सिस्टम की व्यवस्था को बेहतर किए जाने की जरूरत है।
भारत सरकार द्वारा सभी जिलों में ऑक्सीजन जेनेरेशन प्लांट कराई जा रही है। इस संबंध में शेष 61 जिलों का प्रस्ताव भेज दिया गया है। स्थापना की कार्यवाही तेज की जाए। 100 बेड से अधिक क्षमता वाले सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की कार्ययोजना तैयार करें। इसके अलावा, चिकित्सा शिक्षा विभाग के स्तर पर प्रक्रियाधीन ऑक्सीजन प्लांट को तेजी से क्रियाशील कराएं।
उत्तर प्रदेश सर्वाधिक टीकाकरण करने वाला राज्य है।उत्तर प्रदेश में टीकाकरण अभियान तेजी से चल रहा है।दोनों स्वदेशी वैक्सीन निर्माता कंपनियों से सतत संपर्क बनाए रखा जाए। 50-50 लाख डोज के ऑर्डर दे दिए गए हैं।आवश्यकतानुसार और आर्डर दिए जाएं।
एक मई से 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण कराया जाना है। यह टीकाकरण राज्य सरकार द्वारा कराया जाएगा। किसी भी दशा में वेस्टेज न हो, इसके लिए विशेष कार्ययोजना बनाई जाए। 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के टीकाकरण में भारत सरकार से सहयोग प्राप्त हो रहा है।
कोविड प्रबंधन की दिशा में टीम वर्क से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। विगत लगभग एक सप्ताह से प्रदेश के रिकवरी दर में हर दिन सुधार देखने को मिल रहा है।विगत 24 घंटे में प्रदेश में 35,903 लोग कोविड से लड़ाई जीत कर स्वस्थ हुए हैं। सभी प्रदेशवासी कोविड विहेवियर के अनुरूप आचरण करें। मास्क, सैनिटाइजर और दो गज दूरी के सिद्धांत को व्यवहार में लाएं।
स्वास्थ्य सुविधाओं की दृष्टि से सीएचसी एक छोटी और अति महत्वपूर्ण इकाई है। यहां ऑक्सीजन प्लांट लगाने की लंबी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के साथ ही अपेक्षा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जैसी तुरंत उपयोग में आने वाली उपयोगी प्रणाली प्रभावी हो सकती है। प्रदेश के सभी सीएचसी में न्यूनतम 10-10 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की उपलब्धता सुनिश्चित कराए जाने की कार्यवाही हो।
चार करोड़ टेस्ट के साथ उत्तर प्रदेश सर्वाधिक कोविड टेस्ट करने वाला राज्य है। इसे लगातार बढ़ाये जाने की जरूरत है। सभी निजी और सरकारी प्रयोगशालाओं की क्षमता को दोगुना करने की कार्यवाही तेज की जाए।
संक्रमण की दृष्टि से हमें सभी परिस्थितियों के लिए तैयार रहना होगा। अगले कुछ दिनों के भीतर प्रदेश में कोविड डेडिकेटेड बेड्स की वर्तमान क्षमता को दोगुना किया जाए। स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग सरकारी व्यवस्था के साथ-साथ निजी क्षेत्र के सहयोग से बेड्स को दोगुना करना सुनिश्चित कराए। सचिव स्तर के एक अधिकारी की जिम्मेदारी इस कार्य में लगाया जाए। इसकी दैनिक मॉनिटरिंग की जानी चाहिए।
सभी जिलों में दो-दो सीएचसी को कोविड मरीजों के सेवार्थ डेडिकेटेड किया जाए। स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में पिछले सप्ताह में जनपदवार 200-200 बेड बढ़ाए गए हैं। इससे करीब 15000 बेड बढ़े हैं। कोविड हॉस्पिटल के रूप में नए निजी अस्पतालों को भी जोड़ा जाए।
जीवनरक्षक दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाएमेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों को रेमेडेसीवीर आवंटित किया गया है। जरूरतममंदों की मदद के लिए डीएम/सीएमओ को भी रेमेडेसीवीर उपलब्ध कराया गया है। केंद्र सरकार ने 30 अप्रैल तक की अवधि के लिए उत्तर प्रदेश को रेमेडेसीवीर के 1,61000 वॉयल आवंटित किए हैं। एक मई से इसमें दोगुनी तक बढ़ोतरी की संभावना है। आपूर्ति के अन्य साधनों से भी संपर्क किया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में मरीजों को यह दवा निःशुल्क उपलब्ध है। जरूरत के अनुसार निजी अस्पतालों को भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
आपदा की स्थिति में हमें अतिरिक्त संवेदनशील होने की जरूरत है। यदि कोई मरीज/परिजन क्षणिक आवेश में नाराजगी जाहिर करता है तो भी उससे संवेदना पूर्ण व्यवहार ही किया जाए। सभी अधिकारी फोन जरूर रिसीव करें। लगातार जनता से संपर्क में रहें। आइसीसीसी सहित सभी हेल्पलाइन को प्रभावी बनाया जाए।
एम्बुलेंस और अन्य वाहन, लोगों की जरूरत पर यथाशीघ्र उपलब्ध होने चाहिए। यद्यपि सभी जिलों को पर्याप्त वाहन उपलब्ध कराए गए हैं, फिर भी यदि अतिरिक्त जरूरत हो तो उस अनुरूप व्यवस्था की जाए। एम्बुलेंस का रिस्पांस टाइम न्यूनतम रहे, इसके लिए विशेष प्रयास की जरूरत है।
सरकार सभी विकल्पों का प्रयोग कर रही है। प्रदेश के हर एक मरीज को चाहे वह अस्पताल में उपचाराधीन हो अथवा होम आइसोलेशन में हो, हम ऑक्सीजन, जीवनरक्षक दवा व अन्य सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सभी जरूरी प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति हर दिन बेहतर करने का प्रयास किए जा रहें हैं कल लगभग 630 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई है। इससे एक दिवस पूर्व लगभग 530 मीट्रिक टन ऑक्सीजन विभिन्न अस्पतालों को उपलब्ध कराया गया था। सभी जिलों के हर एक कोविड अस्पताल की स्थिति पर नजर रखी जाए और उस अनुरूप समय से पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जाए।
आज आगरा एयरफोर्स की सहायता से रांची से ऑक्सीजन की आपूर्ति कराई जा रही है। आपूर्ति के लिए टैंकरों की संख्या भी बढ़ी है। 64 टैंकर इसी कार्य में लगाये गए हैं। इसके अलावा, 20 टैंकर विभिन्न जिलों में सीधे अस्पतालों को आपूर्ति कर रहे हैं। भारत सरकार से भी आठ नए टैंकर मिल रहे हैं। इसके अलावा जमशेदपुर से ऑक्सीजन की आपूर्ति कराई जा रही है। सभी ऑक्सीजन टैंकर जीपीएस से लैस रहें। उनकी लाइव मॉनिटरिंग की जाए। ऑक्सीजन ऑडिट का काम तेजी से किया जाए।
होम आइसोलेशन में इलाजरत लोगों की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाए। सीएम हेल्पलाइन से इन लोगों से हर दिन संवाद बनाया जाए। तय प्रोटोकॉल के अनुरूप इन्हें दवाओं का मेडिकल किट उपलब्ध कराया जाए। ऐसे मरीजों के लिए टेलीकन्सल्टेशन व्यवस्था को और बेहतर किया जाए।
टेलीकन्सल्टेशन के लिए फोन लाइन में बढ़ोतरी की जरूरत है। कानपुर नगर, प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, बरेली आगरा आदि अधिक संक्रमण वाले जिलों में लाइन बढाकर अधिकाधिक लोगों से हर दिन संवाद किया जाए। उन्हें आवश्यक दवाएं/परामर्श उपलब्ध कराया जाए।