छत्तीसगढ़: केंद्र सरकार पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने आरोप लगाया है कि वह नक्सली हमले की जांच को रोक रही है. बघेल ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय से लगातार मांग की गई कि केस को जांच के लिए राज्य सरकार को ट्रांसफर किया जाए और एनआईए की जांच रिपोर्ट को साझा किया जाए. गौरतलब है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 39 लोगों को आरोपी बनाया था, लेकिन जांच पूरी होने के पहले ही बंद कर दी गई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र झीरम घाटी नक्सली हमले की जांच को दोबारा खोलने नहीं दे रही है. हम केस की दोबारा जांच कर नक्सली हमले की साजिश का खुलासा करना चाहते हैं. जब से हम शासन में आए हैं तब से कोशिश कर रहे हैं कि वादे के मुताबिक हम स्वतंत्र जांच कर सकें. लेकिन केंद्र सरकार लगातार हमारी मांग को नजरअंदाज कर रही है. गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ चुनाव के समय कांग्रेस ने वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनी तो 2013 झीरम नक्सली हमले की स्वतंत्र जांच की जाएगी. कांग्रेस की सरकार बनते ही बस्तर आईजी के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया गया है. बघेल ने कहा कि उनकी सरकार पिछले चार महीने से गृह मंत्रालय से इस संबंध में संपर्क कर रही है. हमने केंद्र को यह भी बताया कि केंद्रीय जांच एंजेंसी ने बिना जांच पूरी हुए ही इसे समाप्त कर दिया. साथ ही इस बात से भी आगाह किया कि एनआईए ने हत्या की साजिश के एंगल से जांच नहीं की.
गृह मंत्रालय ने यह कहते हुए जांच सौंपने से इनकार कर दिया कि ऐसा करना उचित नहीं है क्योंकि जांच अब भी जारी है. ऐसे में राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी जांच शुरू नहीं कर पा रही है. बघेल ने कहा कि केस में नया सबूत मिला है इसलिए हम दोबारा जांच चाहते हैं. पिछले 6 साल में सबूतों को नष्ट किया गया है. आपको बता दें कि 25 मई 2013 को बस्तर के झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर ताबड़तोड़ हमला कर 35 नेताओं और कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतार दिया था. इस हमले में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, पूर्व मंत्री महेंद्र कर्मा, पूर्व विधायक उदय मुदलियार को नक्सलियों ने अपना निशाना बनाया था.