नीरजा चौहान, लखनऊ : भारत के पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न डा० ए०पी०जे० अब्दुल कलाम के जन्मदिवस 15 अक्टूबर के अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उ0प्र0 के सभागार में आयोजित बाल सृजनात्मक कार्यशाला एवं नवप्रवर्तक प्रदर्शनी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, उ०प्र० के विशेष सचिव एवं परिषद के सचिव प्रकाश बिन्दु ने अपने सम्बोधन में स्कूली विद्यार्थियों, तकनीकी संस्थानों के युवा छात्र-छात्राओं का आहवाहन करते हुए कहा कि राष्ट्र के नव निर्माण में नवाचार की हर गतिविधि को तेजी से बढ़ाने की निरन्तर जरूरत है।
नवप्रवर्तन दिवस के अवसर पर एक दिवसीय कार्यक्रम में 11 विद्यालयों व 03 उच्च तकनीकी शिक्षण संस्थानों की भागीदारी के साथ खचाखच भरे सभागार में मुख्य अतिथि प्रकाश बिन्दु ने डा० कलाम की जीवनी और उनकी ऐतिहासिक उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए प्रतिभागी बच्चों, छात्रों, शिक्षकों, नव अन्वेषकों व विज्ञान संचारकों समेत सभी उपस्थितों में ऊर्जा भरते हुए उत्तर प्रदेश का नाम और अधिक रोशन करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विकसित देशों में भारत की अद्वितीय बौद्धिक प्रतिभाओं की भागीदारी और भारतीय वैज्ञानिकों के योगदान को प्रस्तुत करते हुए हर किसी को नवाचार के द्वारा राष्ट्र निर्माण में निरन्तर आगे बढ़ते रहने पर बल दिया।
वैज्ञानिक व्याख्यान और स्लाइड शोज के अर्न्तगत पिलानी राजस्थान से आये सीएसआईआर-सीरी के प्रधान वैज्ञानिक अशोक भाउराव बोत्रे ने दिव्यांग जनों के लिए नवाचार पर किये जा रहे वैज्ञानिक कार्यों के साथ दिव्यांगजनों की दैनिक जरूरतों में सहायक उपकरणों जैसे-ई-ट्राई साइकिल वैशाखी व आंख, नाक, कान, हाथों व पैरों से सम्बन्धित अनेक ई-संसाधनों के निर्माण और उपयोग पर विस्तार से जानकारी दी। राजकीय इन्जीनियरिंग कालेज, अम्बेडकर नगर के निदेशक एवं इनोवेशन एण्ड इन्क्यूबेशन विशेषज्ञ प्रो० संदीप तिवारी ने डा० कलाम के कार्यों को आगे कई पीढ़ियों तक जीवन्त बनाये रखने के लिए बल दिया और कहा कि चाहे नवाच हो या दैनिक जीवन शैली में कोई भी अभावजनित कठिनाई आये उसके लिए रोने के बजाय हर चुनौती को स्वीकार कर अपनी समृद्धि को बढ़ाने के लिए हर पल तैयार रहना चाहिए। प्रो० संदीप ने देश के ट्रक ड्राइवर्स, महाराष्ट्र में डिब्बा वाला से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त युवा बालिकाओं बालकों के ई-व्यवसायों पर उदाहरण प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रदेश को स्ट्रार्ट अप व इण्डस्ट्री का हब बनाने की आवश्यकता बतायी। देश व विदेश में लोकप्रिय साइंसटून के जनक डा० पी०के० श्रीवास्तव ने अपने सम्बोधन में पृथ्वी पर उपलब्ध जलीय, स्थलीय व वायुवीय जीव-जन्तुओं के व्यवहार और उनके जीवन पर किये गये अध्ययनों से विकसित नवाचारों व प्रौद्योगिकीयों को प्रस्तुत करते हुए हर घर में नवाचार और नन्हा कलाम बनाने के लिए विज्ञान संचारकों को और अधिक कार्य करने के लिए उत्प्रेरित किया।
नवप्रवर्तक प्रदर्शनी में एग्रीकल्चरल वेस्ट, लो कॉस्ट फूड्स प्रोडक्टस, फ्रूट जूस, ड्राई फ्रूट्स एण्ड सप्लीमेण्टस तथा ऑटोमैटिक ई-डिफेन्स एण्ड सिक्योरिटी सिस्टम तथा खरपतवार व घास आदि के निकालने की नवीनतम तकनीक पर आधारित उपकरणों से सुसज्जित 15 सक्रिय मॉडल्स के स्टॉल्स लगाये गये। परिषद के निदेशक अनिल यादव ने सभी अतिथियों व प्रतिभागियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के समापन अवसर पर संयुक्त निदेशक राधे लाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया, कार्यक्रम का संचालन नवप्रवर्तन अधिकारी संदीप द्विवेदी ने किया परिषद के संयुक्त निदेशक आई०डी० राम, डा० हुमा मुस्तफा, डा० डी०के० श्रीवास्तव, डा० राजेश कुमार गंगवार तथा वैज्ञानिक अधिकारी डा०एस० रहमान व खगोल विज्ञानविद् सुमित कुमार श्रीवास्तव ने हिस्सा लिया।
भारत रत्न डा० कलाम के जन्मदिवस पर बाल सृजनात्मक कार्यशाला एवं नवप्रवर्तक प्रदर्शनी कार्यक्रम आयोजित
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