नई दिल्ली: भारत के सिर से दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था का ताज छिन गया है। अर्थव्यस्था की दृष्टि से भारत सातवें पायदान पर पहुंच गया है। भारतीय अर्थव्यवस्था के साल 2018 में सुस्त रहने की वजह से भारत को अब बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा है। विश्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक साल 2018 में ब्रिटेन और फ्रांस की अर्थव्यवस्था में भारत के मुकाबले ज्यादा ग्रोथ रिकॉर्ड की गई, जिस वजह से इन दोनों से एक-एक पायदान का छलांग लगाया है। ब्रिटेन पांचवें स्थान पर पहुंच गया है, जबकि छठे स्थान पर फ्रांस काबिज हो गया है।
जिस वजह से भारत पांचवें स्थान से खिसक कर सातवें पायदान पर आ गया है। इस लिस्ट में अमेरिका टॉप पर बरकरार है।आंकड़ों के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था साल 2018 में महज 3।01 फीसदी बढ़ी, जबकि इसमें साल 2017 में 15।23 फीसदी का इजाफा देखा गया था। इसी तरह ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 2018 में 6।81 फीसदी बढ़ी। जिसमें साल 2017 में महज 0।75 फीसदी का उछाल आया था। इसके अलावा अगर फ्रांस की बात करें तो साल 2018 में इसकी अर्थव्यवस्था 7।33 फीसदी बढ़ी, जो कि साल 2017 में सिर्फ 4।85 फीसदी बढ़ी थी। इस तरह भारतीय अर्थव्यवस्था 2017 के मुकाबले 2018 में सुस्त रही, जिस वजह से भारत इस रैंकिंग में पिछड़ गया।
गौरतलब है कि साल 2017 में भारत (तकरीबन 18 हजार खरब) के सिर यह ताज सजा था। जबकि ब्रिटेन छठे स्थान पर और फ्रांस 7वें पायदान पर काबिज था। अर्थशास्त्रियों की मानें तो भारत के सातवें स्थान पर पिछड़ने के पीछे डॉलर के मुकाबले रुपए का कमजोर होना सबसे बड़ी वजह है। साल 2017 में डॉलर के मुकाबले रुपए में तीन फीसदी का उछाल आया था लेकिन साल 2018 में डॉलर के मुकाबले रुपया करीब 5 फीसदी तक लुढ़क गया। गौरतलब है कि मोदी सरकार ने अगले पांच सालों में भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने की बात कही गई है। ऐसे में विश्व बैंक का ये ताजा आंकड़ा परेशान करता है।