
अशाेेेक यादव, लखनऊ। लद्दाख में चल रहे सैन्य गतिरोध को सुलझाने के लिए होने वाली बातचीत से ठीक पहले चीन ने शुक्रवार को कहा कि वह भारत के साथ ‘प्रासंगिक मुद्दों’ के सही तरीके से समाधान के लिए प्रतिबद्ध है।
भारत और चीन दोनों ने ही कहा कि वे इस विवाद को सुलझाने के लिए खास प्रस्ताव देंगे। शनिवार को होने वाली इस बातचीत में पहली बार पूरे विवाद पर समग्र वार्ता होगी। इस वार्ता का नेतृत्व दोनों ही देशों के लेफ्टिनेंट जनरल कर रहे हैं।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि इस समय भारत और चीन सीमा पर स्थिति स्थिर और नियंत्रण योग्य है।
चीन के प्रवक्ता ने कहा, ‘दोनों देशों के पास बॉर्डर पर बात करने का मैकेनिज्म है और सेना की बातचीत और कूटनीतिक रास्ते से दोनों देश मुद्दे को सुलझा सकते हैं। हम प्रासंगिक मुद्दों को समुचित तरीके से सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
ईस्टर्न लद्दाख में फिंगर-4 के पास दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने डटे हैं। पैंगोग शो लेक से आगे के पहाड़ी इलाके में 8 पहाड़ हैं। पहाड़ों के इन अलग अलग उभार को फिंगर 1 से लेकर फिंगर 8 तक नाम दिया गया है।
भारत का दावा है कि फिंगर 1 से फिंगर 8 तक का पूरा इलाका भारत का है जबकि चीन फिंगर 8 से फिंगर-2 तक अपना इलाका मानता है। डेलिगेशन लेवल की बातचीत में इस मसले पर चर्चा होगी। चीन फिंगर एरिया 2 में क्यों पहुंचा इसपर भी उससे जवाब मांगा जाएगा।
मीटिंग में रणनीतिक दृष्टि से अहम गलवान इलाके को लेकर भारत चीन को दो-टूक कह सकता है। कारारोरम दर्रे को जोड़ने वाला इस बेहद अहम इलाके में दोनों तरफ की सेनाएं आमने-सामने हैं। दोनों देश सीमा पर सैनिकों की संख्या को लेकर भी बात करेंगे।
चीनी सेना के LAC के कुछ इलाकों में अंदर तक घुसने की खबरों के बाद भारत ने भी सीमा पर सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है। इस वक्त सीमा पर दोनों तरफ के हजारों सैनिक तैनात हैं। बैठक में इस मुद्दे पर भी चर्चा होगी और सैनिकों को कम करने के तरीकों पर चर्चा हो सकती है।