नई दिल्ली। मेट्रो शहर को लेकर पूरे देश में एक शोध किया गया है। इस शोध में चौंकाने वाले आंकड़ें सामने आए है। इसके अनुसार मेट्रो शहर में रहने वाले तकरीबन 25 फीसद युवक-युवतियां यौन संबंध बना चुके हैं इसके साथ ही शोध में यह बात भी निकलकर सामने आई है कि मेट्रो शहर के 45 फीसद बच्चे नशाखोर हैं।ये बच्चे रोजाना तमाम तरह के नशों का सेवन करते हैं और इससे उनके परिजन अनजान हैं। स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं के बीच उनके बॉयफ्रेंड को लेकर काफी चर्चा रहती है। सभी छात्राओं के बीच इस बात की होड़ भी लगती है कि सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर किसके कितने ज्यादा प्रेमी हैं।
शोध के मुताबिक, मेट्रो शहर में पढ़ने वाली ज्यादातर छात्राएं 13 साल की उम्र में ही किसी युवक के साथ यौन संबंध बना चुकी होती हैं। छात्राएं गर्भ को रोकने के लिए गर्भ निरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती हैं।
जबकि बड़ी मैच्योर महिलाएं सेक्स एजुकेशन रखती हैं और वे ज्यादा जिम्मेदार होती हैं। और उन्हें पता होता है की उनका पार्टनर उनसे किस तरह सटिस्फाइड होगा वे हर तरीके से परिस्थितियों को हैंडल कर लेती हैं। उन्हें पता होता है कि किसको कैसे हैंडल करना है। पुरुषों का मानना है कि मैच्योर महिलाएं समझदार होती हैं। खुद से बड़ी उम्र की महिलाओं को वे इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है वे हम उम्र महिला से कहीं ज्यादा केयरिंग, कॉम्प्रोमाइजिंग, अंडरस्टैडिंग होती हैं। मैच्योर महिलाओं के मामले में पुरुषों को ऐसा लगता है कि वे इमोशनली उन्हें ज्यादा सपोर्ट कर पाएंगी। इमोशन से लेकर फाइनेंशियल हर तरह की परिस्थिति को वो बहुत ही अच्छे से बैलेंस कर लेती हैं। सिचुएशन संभाल लेती हैं। बहुत से पुरुष खुद से 5 से 8 साल बड़ी महिला से शादी इसलिए ही करते हैं क्योंकि वे ऐसा सोचते हैं कि मैच्योर महिला कॉन्फिडेंट और स्टेबल हो चुकी होती है। उसके साथ लाइफ बिताना बहुत ही आसान होता है। उनका वे ऑफ टॉकिंग इंप्रेसिव होता है। तथा बह फुल सटिस्फैक्शन देती है।