ब्रेकिंग:

भारत की कोविशील्ड को नहीं दी मान्यता, घाना ने यूरोपीय देशों की आलोचना की

संयुक्त राष्ट्र। घाना के राष्ट्रपति नाना अकुफो-अडो ने यात्रियों के लिए भारत में निर्मित कोविड-19 रोधी टीके ‘कोविशील्ड’ को ”यूरोप के कुछ देशों” से मान्यता नहीं मिलने को ”दुर्भाग्यपूर्ण” करार दिया और कहा कि यह आव्रजन नियंत्रण के लिए एक उपकरण के रूप में टीकों का सहारा लेना ” वास्तव में प्रतिगामी कदम” होगा।

‘कोविशील्ड’ को मान्यता ना देने पर भारत की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद ब्रिटेन सरकार ने भारत-निर्मित ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका कोविड-19 रोधी टीके ‘कोविशील्ड’ को बधुवार को अद्यतन अंतरराष्ट्रीय यात्रा परामर्श में शामिल कर लिया। ब्रिटेन के अधिकारियों ने बुधवार को स्पष्ट किया था कि ‘कोविशील्ड’ की दोनों खुराक ले चुके भारतीय यात्रियों को ब्रिटेन में अब भी दस दिनों के पृथक-वास में रहना होगा।

उन्होंने कहा था कि मुख्य मुद्दा टीकाकरण प्रमाणन है, न कि ‘कोविशील्ड’ टीका और भारत तथा ब्रिटेन दोनों इस मामले को पारस्परिक रूप से हल करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। अकुफो-अडो ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र को बुधवार को संबोधित करते हुए कहा कि एक दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम में यूरोप के कुछ देशों ने हाल ही में भारत में निर्मित ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका ‘कोविशील्ड’ टीके को मान्यता नहीं दी।

उन्होंने कहा, ” दिलचस्प बात यह है कि इन्हीं टीकों को अफ्रीकी देशों को ‘कोवैक्स’ पहल के माध्यम से दान किया गया। आव्रजन नियंत्रण के लिए एक उपकरण के रूप में टीकों का उपयोग वास्तव में एक प्रतिगामी कदम होगा।” घाना को भारत-निर्मित कोविड-19 रोधी टीकों की कुल 6.52 लाख खुराक मिली है, जिसमें ‘कोवैक्स’ पहल के माध्यम से छह लाख और अनुदान के माध्यम से करीब 50,000 खुराक दी गईं।

Loading...

Check Also

संविधान की शपथ लेकर असंवैधानिक कार्य करना लोकतंत्र के लिए घातक – राम गोविंद चौधरी

लोकतांत्रिक व्यवस्था में सुधार की गुंजाइश या संविधान के नाम पर सिर्फ हंगामा खड़ा कर …

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com