लखनऊ-नई दिल्ली : केरल में त्रासदी फैलाने के बाद बाढ़ का पानी अपनी मूल धारा की तरफ वापस चल पड़ा है. रिहायशी इलाके भी आहिस्ते-आहिस्ते पानी की गिरफ्त से बाहर आना शुरू हो गए हैं. फौरीतौर पर भले ही यह दोनों खबरें जहन को सुकून देने वाली हो, लेकिन बाढ़ से प्रभावित हुए लोगों की जिंदगी में मौजूद जद्दोजहद अभी भी जस की तस बनी हुई है. किसी को चिंता सता रही है कि बाढ़ में सड़क और पुल बह जाने के चलते उनके घर को जाने वाला रास्ता बंद हो गया है.जिनके लिए घर जाने के रास्ते खुले हुए हैं, उनको यह चिंता है कि घर में अब सिर्फ चार दीवारें ही बचीं हैं. परिवार के पालन पोषण के लिए जो कुछ भी था, वह पानी के साथ ही चला गया. बाढ़ से तबाह हुए लोगों को उनकी चिंताओं से निजात दिलाने के लिए सेना के तीनों अंगो ने एक नया अभियान शुरू कर दिया है. सेना ने अपने नए अभियान के तहत अलग-अलग दिशाओं में अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं. जिनका आखिरी उद्देश्य आम जनजीवन को जल्द से जल्द पटरी में लाना है.
भारतीय सेना नेअभियान के तहत 18 अस्थाई पुलों का निर्माण किया
भारतीय सेना ने इस अभियान के तहत बीते कुछ दिनों में 18 अस्थाई पुलों का निर्माण किया है. इन पुलों का निर्माण उन जगहों पर किया जा रहा है, जहां पर बाढ़ के साथ पुल पूरी तरह से ध्वस्त हो गए थे. सेना द्वारा निर्मित किए गए इन 18 अस्थाई पुलों की मदद से 49 से अधिक स्थानों के बीच एक बार फिर आवागमन शुरू हो गया है. इसके अलावा, सेना ने 22 से अधिक लोकेशन को क्लीयर किया है. जिससे बाढ़ के चलते अपने आशियानों को छोड़ने पर मजबूर हुए लोग अपने घरों की तरफ दोबारा रुख कर सकें. सेना ने किया 6.7 टन भोजन सामग्री का वितरण
बाढ़ के दौरान कई स्थान ऐसे थे, जहां पर लोग अपने घरों में फंसे हुए थे. भोजन की समस्या से जूझ रहे इन लोगों तक सेना ने बीते दस दिनों के भीतर 6.7 टन से अधिक फूड पैकेट और रिलीफ मैटेरियल पहुंचाया है. यदि हम 20 अगस्त की दोपहर 12 बजे तक की बात करें तो सेना ने करीब 3.5 टन रिलीफ मैटेरियल और फूड पैकेट का वितरण बाढ़ प्रभावित इलाकों में किया था. बीते 24 घंटो के दौरान सेना की विभिन्न टीमों में करीब 3.2 टन रिलीफ मैटेरियल और फूड पैकेट्स का वितरण बाढ़ प्रभावित इलाकों में किया है.
नए अभियान के तहत सेना ने एक दर्जन से अधिक मेडिकल टीमें तैनात की
अपने नए अभियान के तहत सेना ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में करीब एक दर्जन मेडिकल टीमों को तैनात किया है. जिसमें छह टीमें त्रिशूर, एरनाकुलम और पत्तनम मिट्टा इलाके में तैनात की गई हैं. इसके अलावा, सिकंदराबाद और चेन्नई में छह अतरिक्ति मेडिकल टीमों को तैनात किया गया है. जिससे आपात स्थिति में इन टीमों को प्रभावित इलाकों की तरफ रवाना किया जा सके. इसके अलावा, दवाओं की आपूर्ति बहाल रखने के लिए हिंडन एयरबेस से एयरफोर्स की टीमें करीब 65 टन दवाएं लेकर त्रिवेंद्रम पहुंच चुकी हैं.