नई दिल्ली / लखनऊ : भारतीय रेल ने तकनीक का बेहतर प्रयोग कर ई-बुकिंग की सुविधा उपलब्ध कराई. बाद में रेलवे में कुछ जरूरतमंदों का ख्याल रखते हुए तत्काल सेवा आरंभ की. इस सेवा का काफी लोग लाभ उठाने लगे. इसके बाद रेलवे ने भ्रष्टाचार की कई शिकायतों के बाद अपनी इस सेवा का ऑनलाइन किया. समय बीतने के साथ हालात यह हो गए कि कुछ गैंग ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग और तत्काल बुकिंग में भी सेंध लगा दी. और होने यह लगा कि जिन लोगों को तत्काल टिकट की जरूरत थी उन्हें यह नहीं मिलता था.रेलवे ने फिर अपनी बुकिंग प्रक्रिया में बदलाव किया. रेलवे अपना सिस्टम चुस्त दुरुस्त करने के लिए समय समय पर बदलाव करता रहा है. रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग स्कीम को यात्रियों की सहूलियत और बुकिंग काउंटरों से भीड़ को कम करने के लिए लॉन्च किया था. एजेंट्स और दलालों की चालों को नाकामयाब करने के लिए रेलवे ने यह किया था.
- नॉन-एसी टिकटों की बुकिंग इसके एक घंटे बाद यानी 11 बजे से शुरू होती है, जबकि एसी क्लास की टिकटों की तत्काल बुकिंग यात्रा तिथि से एक दिन पहले सुबह 10 बजे से होती है.
- बुकिंग शुरू होने के आधे घंटे तक अधिकृत एजेंट तत्काल टिकट नहीं बुक कर सकते हैं.
- सिंगल यूजर आईडी से एक दिन में सिर्फ 2 तत्काल टिकट बुक किए जा सकते हैं.
- एक आईपी अड्रेस से भी अधिकतम 2 तत्काल टिकट बुक हो सकते हैं.
- नए नियमों के तहत कुछ शर्तों के साथ तत्काल टिकट पर 100 प्रतिशत तक रिफंड ले सकते हैं.
- ट्रेन के शुरुआती स्टेशन पर 2 घंटे लेट होने, रूट बदलने, बोर्डिंग स्टेशन से ट्रेन के नहीं जाने और कोच डैमेज होने या बुक टिकट वाली श्रेणी में यात्रा की सुविधा नहीं मिलने पर आप 100 प्रतिशत रीफंड मिल सकता है.
- रेलवे ने रजिस्ट्रेशन, लॉग इन और बुकिंग पेजों पर कैप्चा कोड की व्यवस्था की है. यह इसलिए किया गया है ताकि किसी ऑटोमेशन सॉफ्टवेयर के जरिए फर्जीवाड़ा करके कोई टिकट बुक न किया जा सके.
- इंटरनेट बैंकिंग के सभी पेमेंट ऑप्शंस के लिए OTP यानी वन टाइम पासवर्ड की एंट्री की व्यवस्था की गई है.