लखनऊ-डेस्क: भारतीय रिजर्व बैंक ने पंजाब नेशनल बैंक घोटाले से जुड़ीं उन निरीक्षण रिपोर्ट्स की प्रतियां देने से इनकार कर दिया है जिन्हें आरटीआई कानून के तहत मांगा गया था। आरबीआई ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के उन प्रावधानों का हवाला देते हुए कॉपियां साझा करने से इनकार किया है, जो उन ब्योरों का खुलासा करने से रोकता है जो जांच प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं या फिर दोषियों पर कार्रवाई में असर डाल सकते हैं।
आरटीआई में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय बैंक ने कहा कि उसके पास इस तरह की कोई जानकारी नहीं है कि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 13,000 करोड़ रुपए का घोटाला कैसे सामने आया। केंद्रीय बैंक ने इस आवेदन को पीएनबी के पास भेज दिया है।
साल 2018 की 14 फरवरी को बैंकिंग इतिहास के सबसे बड़े घोटाले का खुलासा हुआ था। इस मामले में मुख्य आरोपी नीरव मोदी हैं जो कि फिलहाल भारत से फरार है और दूसरे आरोपी मेहुल चोकसी हैं जो कि गीतांजलि जेम्स के मालिक हैं।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस मामले में अन्य एजेंसियों और नियामकों के साथ-साथ आरबीआई भी विस्तृत जांच करा रहा है। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गईं जानकारियों पर जवाब देते हुए आरबीआई ने साफ किया है कि वह बैंकों का ऑडिट नहीं करता है। हालांकि, आरबीआई बैंकों का निरीक्षण और जोखिम आधारित निगरानी जरूर करता है। बीते दस वर्षों का ब्योरा देते हुए रिजर्व बैंक ने पीएनबी मुख्यालय में 2007 से 2017 के दौरान किए गए वार्षिक निरीक्षण की तारीख का ब्योरा दिया है।