पुरुष हार्मोन (हाइपरएंड्रोजेनिज्म) नीति और लुसाने में होने वाली कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन (सीएएस) की संभावित सुनवाई की कठिनाइयों से जूझ रही भारतीय महिला धावक दुती चंद के लिए ही नहीं, बल्कि भारत के लिए भी अच्छी खबर है। चौंकाने वाली बात यह है कि यह अच्छी खबर उसी संस्था की तरफ से आई है, जिसने दुती को परेशानियों में डाला है।
वर्ष 2015 में दुती पर हार्मोन मामले में दिये गये सीएएस के फैसले के चुनौती देने वाले इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन (आईएएएफ) ने दुती को पत्र लिखकर अगले माह लंदन में होने वाली विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। इस प्रतिस्पर्धा को ओलंपिक के बाद सबसे कठिन और प्रतिस्पर्धात्मक माना जाता है। हाल में आयोजित क्वालीफाइंग प्रतिस्पर्धा (िदल्ली में आयोजित इंडियन ग्रांड प्रिक्स) में दुत विश्व एथलेटिक्स के लिए क्वालीफाई करने से बहुत नजदीकी अंतर से चूक गयी थी। जिसका क्वालीफाइंग मार्क 11.26 सेकेंड था और दुती ने 11.30 सकेंड का समय लिया था।
एक आईएएएफ अधिकारी के अनुसार इस प्रतिस्पर्धा के िनयमों के तहत 100 मीटर, 200 मीटर दौड़ की शुरुआती सूची में कम से कम 32 एथलीट होने चाहिए। 100 मीटर दौड़ में क्वालीफाइंग मार्क न छू पाने की वजह से इतने एथलीट इसके लिए क्वालीफाई नहीं कर सके हैं। इस वजह से जो एथलीट क्वालीफाइंग मार्क से थोड़े से अंतर से चूके थे उन्हें विश्व एथलेटिक्स में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
भारत से दुती चंद 11.30 सेकेंड के साथ इस मार्क के आसपास थी। इस वजह से उन्हें आमंत्रित किया जा रहा है। दुती के कोच नागपुरी रमेश और एथलीट चयन समिति के अध्यक्ष जीएस रंधावा ने दैनिक ट्रिब्यून के साथ इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि यह दुती के लिए अच्छी खबर है और सीएएस की सुनवाई से पहले दुती के अात्मविश्वास को मजबूती देगी।