अशाेक यादव, लखनऊ। विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस के गढ़ में सपा की जीत को लेकर सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार से दो दिवसीय दौरा शुरू किया। विजय रथ लेकर लखनऊ से वह बछरावां पहुंचे जहां चुरुआ मंदिर पर हनुमानजी के दर्शन किए।
इसके बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार को निशाने पर लिया। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बाबा कहकर संबोधित किया। साथ ही मुख्यमंत्री को कंप्यूटर न चलाने तथा बिजली कारखाना का नाम न मालूम होने पर तंज कसा।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने लोगों को दिक्कत , जिल्लत और सिर्फ किल्लत दी है । जब खाद की जरूरत होती है तो किसानों को समय पर खाद नहीं मिलती । लाइन में लगकर खाद मिली थी भी तो घर जाकर बोरी देखी तो पता चला 5 किलो खाद पहले से ही चोरी हो गई ।
कहा यह जाता है कि बाबा मुख्यमंत्री 24 घंटे काम करते हैं पर 24 घंटे काम करने वाले मुख्यमंत्री किसानों की फसल का दाम नहीं दे पा रहे हैं । काम करते हैं लेकिन खाद नहीं मिल रही है। वहीं बीएड वाले भी बेरोजगार हैं।
माताओं बहनों की समाजवादी पेंशन छीन ली गई। कहा कि सरकार बनी तो पहले से तीन गुना पेंशन दी जाएगी। सपा सरकार में एम्स को जमीन दी गई । तब एम्स अस्पताल बना। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बाबा कहते हुए कि बाबा मुख्यमंत्री बिजली कारखाने का नाम नहीं जानते।
साढ़े 4 साल में उत्तर प्रदेश के बिजली कारखाने का नाम भी नहीं रट पाए हैं पर बिजली के बिल से लोगों को करंट लगता है। समाजवादी सरकार में गांव-गांव लैपटॉप बांटे गए। चार साल से भाजपा लैपटॉप टैबलेट देने की बात कर रही है। पर नौजवानों को झूठ की टेबलेट की जा रही है।
क्योंकि बाबा मुख्यमंत्री कंप्यूटर चलाना नहीं जानते। पेट्रोल , डीजल महंगा खाद की बोरी में चोरी लाल वाला सिलेंडर नहीं भर पा रहे । इसीलिए लाल रंग से घबरा रहे हैं । माताओं बहनों ने इस लाल वाले सिलेंडर को स्टूल बना दिया। यह सरकार कह रही थी कि चप्पल पहनने वाले हवाई जहाज में बैठेंगे पर डीजल पेट्रोल इतना महंगा कर दिया कि आपकी गाड़ी नहीं चल पा रही है। महंगाई बढ़ रही है । कमाई आधी हो गई है । जब से 100 नंबर पुलिस को 112 किया है । पुलिस बेईमान हो गई है।
आज कमाई आधी हो गई है और महंगाई दोगुनी हो गई है। बताओ कैसे मुनाफा आएगा और कैसे खुशहाली आएगी। बच्चे पढ़ने नहीं जा पा रहे हैं। शिक्षकों की जान चली गई, बीमारी के कारण 700 से ज्यादा टीचरों की जान चली गई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन लोगों की कोरोना से जान गई सरकार उनकी मदद करे लेकिन सरकार उनकी मदद नहीं कर रही है।