लखनऊ : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 86 ने 56 यादव एस0डी0एम0 का भाजपा द्वारा दुष्प्रचार कर गैर यादव पिछड़ी जातियों के मध्य नफरत की भावना पैदा कर सपा से दूर किया गया। उक्त के संदर्भ में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय निषाद संघ (एन.ए.एफ.) के राष्ट्रीय सचिव लौटन राम निषाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमित शाह सहित तमाम नेताओं ने झूठा प्रचार किया कि लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अनिल यादव द्वारा 86 में 56 यादव एस0डी0एम0 बनाया गया है। जबकि सच्चाई यह थी कि उस समय यूपीएससी में 379 नियुक्तियां की गई जिसमें 30 एस0डी0एम के पदों पर की गई। नियुक्ति में मात्र 3 यादव चयनित हुए। उन्होनें कहा कि भाजपा झूठ फरेब, छल-कपट की राजनीति कर पिछड़ों दलितों को भ्रमित कर इनका वोट बैंक हथियाती रही है।
निषाद ने कहा कि अखिलेश यादव के समय 53 प्रमुुख सचिवों में 1 यादव, 21 सचिव में 2, 68 विशेष सचिव में 1, 75 डीएम में 6, 75 एसपी में 10, 14 डीजी में 1, 28 एमडी में 2, 608 एएसपी सीओ में 81, 75 सीडीओ में 6 यादव थे। 18 डीआईजी व 8 आईजी में 1 भी यादव नहीं था। भाजपा के द्वारा प्रचारित किया गया कि सपा एक जाति विशेष की सरकार है और गैर यादव पिछड़ी जातियों का हक यादवों द्वारा मारा जा रहा है। सपा का यादव बनाम भाजपा के सवर्णवाद का खुलासा करते हुए बताया कि अप्रैल 2017 में 61 जजों में 52 सवर्ण बनाये गये और पिछडें व दलित वर्ग का आरक्षित कोटा भी बदला गया। एक मुस्लिम पिछड़े के साथ 9 पिछड़े जज बनाये गये। योगी सरकार के कार्यकाल में 372 एपीओ के पदों पर नियुक्ति हुई जिसमें 62 प्रतिशत सवर्ण जिसमें 149 ब्राह्मण व 82 ठाकुर थे। 27 की बजाय 23 प्रतिशत ही ओबीसी को कोटा मिला। योगी सरकार द्वारा उच्च न्यायालय इलाहाबाद खण्ड पीठ लखनऊ में 201 विधिक अधिकारियों-महाधिवक्ता, अपर महाधिकवक्ता, मुख्य स्थाई अधिवक्ता, स्थाई अधिवक्ता, ब्रिफ होल्डर (सिविल/क्रिमिनल), स्टैण्डिंग काउंशिल आदि में मात्र ओबीसी के 15 व एससी के 1 विधिक अधिकारी बनाये गये। दूसरी सूची 201 में 185 सवर्ण जिसमें 119 ब्राह्मण व 66 ठाकुर , भूमिहार, कायस्ठ आदि सवर्ण बनाये गयें। इलाहाबाद खण्डपीठ में बनाये गये। 311 सरकारी वकीलों में 282 सवर्णों जिसमें 151 ब्राह्मण 65 राजपूत बनाये गये। क्या यह सबका साथ सबका विकास है ? क्या यह जातिवाद नहीं ? क्या यह भाजपा का सवर्ण वाद या ब्राह्मण व ठाकुरवाद नहीं ?
निषाद ने कहा कि भाजपा द्वारा विधान सभा चुनाव से पूर्व ओछी राजनीति की गई। सपा सरकार के यादववाद की झूठी खबर फैलाई गई। अनिल यादव के कार्यकाल में कुल 97 एसडीएम चयनित हुए, जिसमें 14 यादव, 29 गैर यादव पिछड़े व 22 एससी, एसटी व शेष सवर्ण थे। जब से प्रदेश में योगी के नेतृत्व में सरकार बनी है, योगी व दिनेश शर्मा की जाति को ही पद स्थापित किया जा रहा है। नियुक्ति व कार्मिक विभाग के 9 सेक्सन हैं। जिसमें विशेष सचिव ठाकुर के बाद शेष प्रमुख सचिव व संयुक्त सचिव ब्राह्मण ही हैं। गोरखपुर विश्वविद्यालय में 71 सहायक प्रोफेसर में 38 ठाकुर, 14 ब्राह्मण, 2 ओबीसी के बाद शेष अन्य सवर्ण ही हैं। भाजपा अतिपिछड़ों को भ्रमित करने के लिए रोज अलग-अलग गैर यादव पिछडी जातियों का सम्मेलन करा रही है, जो पिछड़ों को तोड़ने की साजिश है।
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