अशाेक यादव, लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी, पंडित नेहरू और सरदार पटेल के साथ मोहम्मद अली जिन्ना का योगदान भी होने के सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान को भाजपा की मिलीभगत बताया है।
मायावती ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि, ‘सपा मुखिया द्वारा जिन्ना को लेकर कल हरदोई में दिया गया बयान व उसे लपक कर भाजपा की प्रतिक्रिया यह इन दोनों पार्टियों की अन्दरुनी मिलीभगत व इनकी सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है।
ताकि यहां यूपी विधानसभा आम चुनाव में माहौल को किसी भी प्रकार से हिन्दू-मुस्लिम करके खराब किया जाए। उल्लेखनीय है कि अखिलेश ने रविवार को हरदोई में एक जनसभा में कहा था कि महात्मा गांधी, सरदार पटेल और पं. नेहरू के साथ जिन्ना एक ही संस्थान से पढ़कर बैरिस्टर बने थे और इन सभी ने स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया था।
इसके साथ ही मायावती ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि ‘सपा व भाजपा की राजनीति एक-दूसरे के पोषक व पूरक रही है। इन दोनों पार्टियों की सोच जातिवादी व साम्प्रदायिक होने के कारण इनका आस्तित्व एक-दूसरे पर आधारित रहा है।
इसी कारण सपा जब सत्ता में होती है तो भाजपा मजबूत होती है। जबकि बीएसपी जब सत्ता में रहती है तो भाजपा कमजोर। अखिलेश के इस बयान की कांग्रेस और भाजपा ने निंदा करते हुये सपा अध्यक्ष से बयान का खंडन करने या देश से माफी मांगने की मांग की है।