नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 की सरगर्मियों के बीच रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें इमरान खान ने कहा था कि अगर लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत होती है और पीएम मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बनते हैं तो कश्मीर मसले पर शांति वार्ता का उत्तम माहौल बनेगा. निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत में चुनाव के दौरान ऐसे बयान आते रहते हैं और कांग्रेस के कई अहम नेता हैं जो पाकिस्तान जाकर ‘मोदी को हटाने’ के लिए मदद मांगते रहे हैं.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बयान – भारत-पाकिस्तान को कश्मीर मसले को हल करने का बेहतर मौका तभी मिलेगा,
जब (भारत के प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी की पार्टी BJP जीतेगी – पर रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “मुझे लगता है, यह भी कांग्रेस द्वारा फैलाई जा रही बातों का ही हिस्सा है…” जब पूछा कि बालाकोट एयरस्ट्राइक पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया भारत के पक्ष पर विश्वास क्यों नहीं कर रहा, इसके जवाब में रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि क्या किसी भी एक सरकार ने हम पर सवाल उठाया है और क्या यह कह कर कोई देश हमें समर्थन नहीं दे रहे है कि आपका दावा पुष्टि योग्य नहीं है? आगे उन्होंने कहा कि किसी भी मामले में हमने पहले दावा नहीं किया. बल्कि बाद में खुद पाकिस्तानियों ने ही बालाकोट हमले का दावा किया. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के दावे ‘भारत 16 अप्रैल से 20 अप्रैल के बीच में पाकस्तान पर हमला करेगा’ पर रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मुझे नहीं पता कि उसे यह तारीख कहां से मिली,
इसलिए उसे शुभकामनाएं. भगवान जानता है कि यह जो कुछ भी है, लेकिन यह मुझे यह काफी मनोरंजक और काल्पनिक लगता है. दरअसल, विदेशी पत्रकारों के साथ बातचीत में इमरान खान ने कहा था कि अगर भाजपा सत्ता में आई तो कश्मीर मुद्दे का कोई हल निकल सकता है. 2018 के अगस्त में प्रधानमंत्री बने इमरान खान ने कहा कि मोदी के शासन में कश्मीर ही नहीं, पूरे भारत में मुसलमान बड़े पैमाने पर अलगाव महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं कभी सोच भी नहीं सकता जो इस समय भारत में हो रहा है. मुस्लिम होने की वजह से उन पर हमले हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की तरह पीएम मोदी ‘भय और राष्ट्रवादी भावना’ के आधार पर चुनावी प्रचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस सप्ताह भाजपा ने जम्मू-कश्मीर के लोगों से दशकों पुराने विशेष अधिकारों का प्रस्ताव को खत्म करने का संकल्प लिया है, जिसके तहत किसी बाहरी व्यक्ति के राज्य में संपत्ति खरीदने पर प्रतिबंध है, यह एक बड़ी चिंता है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ चुनावी स्टंट हो सकता है.