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भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के इस बयान के बाद गरमाई राजनीति, जयंत पाटिल ने उद्धव ठाकरे को घेरा

मुंबई : लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी के बीच बयानबाजी तेज होने लगी है. कुछ दिन पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि समय रहते अगर उनके सहयोगी उनके साथ गठबंधन नहीं करते हैं तो वह उन्हें हरा भी सकते हैं. शाह के इस बयान के बाद ही अन्य पार्टियां उद्धव ठाकरे से कड़ी प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहे थे. महाराष्ट्र नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के प्रमुख जयंत पाटिल ने अमित शाह के इस बयान के बाद शिवसेना प्रमुख को चुनौती देते हुए कहा था कि अगर आपकी रगों में बाला साहब का खून है तो आप सुबह होते ही राज्य कैबिनेट से अलग होने की घोषणा करें. पिछले रविवार को अमित शाह ने कहा था कि अगर लोकसभा चुनाव को लेकर किसी तरह का गठबंधन नहीं होता है तो भाजपा पूर्व सहयोगी को हरा देगी.

वहीं, पाटिल ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि शिवसेना लगातार बीजेपी को लेकर आक्रामक हो रही है. कुछ दिन पहले उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से भी मिले थे. उन्होंने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि आखिर दोनों के बीच उस दौरान क्या बात हुई. पाटिल ने कहा कि मौजूदा समय में देश में बीजेपी और पीएम मोदी की कोई लहर नहीं है. हमनें बीजेपी से देश और राज्य को बचाने के लिए परिवर्तन यात्रा की शुरुआत की है. गौरतलब है कि शिवसेना भी बीते कुछ समय से बीजेपी को लेकर हमलावर हुई है. कुछ समय पहले ही शिवसेना ने राम मंदिर को लेकर कहा था कि बीजेपी के पास अभी पूर्ण बहुमत है और अगर ऐसे में अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं होता है तो आगे फिर कभी नहीं होगा. शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा था कि राम मंदिर का निर्माण इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले होना चाहिए.

संजय राउत ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी ने भारत को धोखा दिया है (चीट किया है). काफी समय से हमलोग राम मंदिर के नाम पर वोट मांगते रहे हैं.लोकसभा चुनाव 2019 से पहले राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो जाना चाहिए ताकि लोग धर्म की राजनीति करना बंद कर सकें. बता दें कि शिवसेना का यह बयान ऐसे वक्त में आया था, जब हाल ही में नये साल पर एक इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी स्पष्ट कर चुके हैं कि जब तक कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक अयोध्या में न तो राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो सकता है और न ही सरकार इस पर अध्यादेश ला सकती है. साथ ही पीएम मोदी ने राम मंदिर निर्माण कार्य में देरी के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया था.

 

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