बिजी शेड्यूल के चलते महिलाएं अक्सर अपनी कई समस्याओं को छोटी समझ इग्नोर कर देती हैं, जो आगे चलकर किसी गंभीर बीमारी का रूप ले लेती हैं। ब्रेस्ट में दर्द होना, गांठ महसूस होना या उनका अचानक साइज बढ़ना भी उन्हीं प्रॉब्लम्स में से एक हैं, जिन्हें महिलाएं अक्सर छोटी समझने की भूल कर बैठती हैं। ब्रेस्ट में हो रही ये समस्याएं गिगैंटोमेस्टीआ नाम बीमारी का संकेत हो सकता है। इस बीमारी में ब्रेस्ट में टिशूज बढ़ने लगते हैं, जिसे कारण स्तनों में दर्द और आकार बढ़ने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
हाल ही में गिगैंटोमेस्टीआ से पीड़ित एक महिला के ब्रेस्ट से 11 किलो के टिशूज निकाले गए। 56 साल की महिला ने पहले ब्रेस्ट के बढ़ते साइज को इग्नोर कर दिया, जिसके कारण धीरे-धीरे इनका साइज इतना बढ़ गया कि सर्जरी करवाने की नौबत आ पड़ी। फिलहाल वो महिला ठीक है लेकिन उसे चलने में परेशानी हो रही है।
किसी भी उम्र में हो सकती है यह बीमारी
यह बीमारी किसी भी उम्र की महिला को हो सकती है। इससे पहले जापान एक केस सामने आया था, जिसमें 12 साल की बच्ची इस बीमारी से ग्रस्त थी। इसके कारण 8 महीने में उसकी ब्रेस्ट का इतना बढ़ गया कि उसकी रीढ़ की पूरी हड्डी मुड़ गई।
गिगैंटोमेस्टीआ बीमारी क्या है?
गिगैंटोमेस्टीआ बीमारी एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें ब्रेस्ट के टिशू नॉर्मल से काफी ज्यादा बढ़ जाते है। इसे ब्रेस्ट हाइपरट्रोफी भी कहा जाता है। कई मामलों में तो इनका वजन शरीर से 3 फीसदी अधिक हो जाता है। महिलाओं में यह कंडीशन बहुत ही कम देखने को मिलती हैं।गिगैंटोमेस्टीआ के कारण
शरीर में प्रोलैक्टिन या एस्ट्रोजेन हार्मोन के बढ़ने के महिलाओं में यह समस्या देखने को मिलती है। साथ ही गिगैंटोमेस्टीआ की समस्या आननुवांशिक भी हो सकती है। इसके अलावा कुछ और कारण भी है, जिसकी वजह से महिलाएं इस बीमारी की चपेट में आ जाती है, जैसे…
. प्रेगनेंसी के दौरान इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
. कुछ दवाओं का सेवन
. ऑटोइम्यून बीमारियां जैसे थायरॉयडिटिस, गठिया, मियासथीनिया ग्रेविस और सोरायसिस
. इसके अलावा पहले पीरियड्स के दौरान भी लड़कियों में इसका खतरा अधिक होता है क्योंकि उस दौरान शरीर में कई हार्मोनल बदलाव आते हैं।
क्या है लक्षण
इसमें टिशूज बढ़ने के कारण स्तनों का आकार भी धीरे-धीरे बढ़ जाता है। इसके साथ ही कुछ और लक्षण भी दिखाई देते हैं, जैसे…
स्तन में दर्द
कंधे, पीठ और गर्दन में दर्द
स्तनों के नीचे लालिमा, खुजली और गर्मी
नसों में दर्द और इंफैक्शन
खराब मुद्रा
संक्रमण या फोड़े
निप्पल झुनझुनाहट होना
इलाज
-डॉक्टर ब्रेस्ट में टिशूज की ग्रोथ और अन्य लक्षण देखने को बाद ही यह तय करते हैं कि महिला को कैसा ट्रीटमेंट दिया जाएगा। अगर ब्रेस्ट का साइज अधिक बढ़ गया हो तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं। इसके अलावा इस बीमारी का इलाज मेडिकेशन से भी किया जाता है। इसके अलावा कुछ मामलों में हॉर्मोनल ट्रीटमेंट से भी इस बीमारी का इलाज किया जाता है।
-कम उम्र में समस्या होने पर डॉक्टर दवाइयों या मेडिकेशन के जरिए इलाज करते हैं। वहीं प्रेग्नेंसी के दौरान बढ़ी हुई ब्रेस्ट के साइज को दवाइयों की मदद से कम किया जा सकता है।
कैसे करें बचाव?
सबसे पहले तो ब्रेस्ट में कोई भी परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से चेकअप करवाएं, ताकि समय रहते बीमारी का पता चल सके। इसके अलावा…
-ब्रेस्ट की हफ्ते में 2 बार ऑलिव ऑयल से मसाज करें। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होगाऔर आप स्तनों से जुड़ी बीमारियों से भी बची रहेंगी।
-हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से शरीर को प्रोटीन और विटामिन मिलता है। रोजाना की दिनचर्या में इनका सेवन करने से ब्रैस्ट की कोशिकाओं का विकास होता है, जिससे आप ब्रेस्ट की समस्याओं से बची रहती हैं।
-एक्टिव रहें और रोजाना व्यायाम व योग करें। इससे ब्रेस्ट से जुड़ी समस्याएं भी दूर रहती हैं।
-शराब, धूम्रपान, जंकफूड्स और कोल्ड ड्रिक्स जैसी अनहैल्दी चीजों से दूर रहें।
-गर्भवती और स्तनपान करवाने महिलाएं मैटरनिटी ब्रा का यूज करें।
-स्तन की स्किन सेंसटिव होती हैं। यहां सनसक्रीन लोशन लगाने कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है।
ब्रेस्ट के बढ़ते साइज को न समझें मामूली, इस बीमारी का हो सकता है संकेत
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