लखनऊ / नई दिल्ली : बैंकिंग घोटाले के और मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की है. यह कार्रवाई 5000 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले के आरोपी संदेसरा ग्रुप के खिलाफ की गई है. ईडी ने कार्रवाई करते हुए संदेसरा ग्रुप की 4700 करोड़ रुपये की संपत्ति सीज कर दी है. जब्त की गई संपत्ति गुजरात के वडोदरा, अहमदाबाद और मुंबई में बताई जा रही है. शुरुआती जानकारी में बताया जा रहा है कि संदेसरा ग्रुप की जब्त की गई संपत्ति में 4000 एकड़ जमीन है. संदेसरा ग्रुप का मालिक कांग्रेस नेता अहमद पटेल का नजदीकी माना जाता है.
300 फर्जी कंपनियां बनाकर लोन
संदेसरा ग्रुप पर 300 फर्जी कंपनियां बनाकर लोन लेकर गबन करने का आरोप है. ग्रुप पर आरोप है कि आंध्रा बैंक, यूको बैंक, एसबीआई, बैंक ऑफ इंडिया और इलाहाबाद बैंक से फर्जी तरीके से लोन लिया था. इसके बाद लोन के पैसे से अलग-अलग जगह पर शानदार बंगले और फ्लैट खरीदे थे. इसके अलावा भी ग्रुप की तरफ से कई शहरों में बेनामी संपत्ति भी बनाई गई.
ईडी ने कार्रवाई के दौरान रेंज रोवर जैसी महंगी गाड़ियां भी जब्त की हैं. 200 से ज्यादा बैंक खातों के चेक बुक भी जब्त की गई. ईडी ने संदेसरा ग्रुप के मालिक चेतन संदेसरा और नितिन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला पिछले साल अक्टूबर में दर्ज किया था. इसके बाद उसने देश में विभिन्न स्थानों पर करीब 50 छापेमारी की. जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि कंपनी एवं इसके फरार प्रवर्तकों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विभिन्न बैंकों से करीब 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज हासिल किया था, जो बाद में एनपीए में बदल गया.
निदेशालय ने बताया, ‘जब तक बैंक इसे फर्जीवाड़ा घोषित करते तब तक इसके प्रवर्तक स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड, स्टर्लिंग पोर्ट लिमिटेड, पीएमटी मशीन लिमिटेड, स्टर्लिंग एसईजेड और इन्फ्रास्टक्चर लिमिटेड एवं स्टर्लिंग ऑयल रिसोर्सेस लिमिटेड सहित स्टर्लिंग ग्रुप की विभिन्न कंपनियों के मद में 5,000 करोड़ से अधिक रुपये का कर्ज हासिल कर चुके थे.’ जांच एजेंसी ने मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें दिल्ली स्थित कारोबारी गगन धवन, आंध्रा बैंक के पूर्व निदेशक अनूप गर्ग और स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड के निदेशक राजभूषण दीक्षित शामिल हैं.