लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के स्यान में हुई हिंसा के मामले में सात आरोपियों को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. जीतू फौजी सहित सात आरोपियों को इस मामले में जमानत मिली है. आरोपियों में सचिन, सौरभ, छोटू, हेमू, कलुवा, रोहित, राघव के नाम शामिल हैं. हत्या और बवाल के आरोप में सात आरोपियों की पहले ही जमानत हो चुकी थी, लेकिन धारा 24ए राजद्रोह का संज्ञान लेने के बाद आरोपियों की रिहाई रूक गई थी. प्रयागराज हाईकोर्ट ने अब देशद्रोह की धारा में सात आरोपियों को जमानत दे दी है.
3 दिसंबर 2018 को स्याना के चिंगरावठी में यह हिंसा हुई थी. इस हिंसा में उत्तर प्रदेश पुलिस के इंस्परेक्टर सुबोध कुमार समेत दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. गौकशी के बाद भड़की इस हिंसा में 22 नामजद और 50-60 अज्ञात बवनाइयों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. इस हिंसा के मामले में 42 आरोपी जेल में बंद हैं. जीतू फौजी समेत सात आरोपियों को जमानत मिली है. गौरतलब है कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या के बाद यूपी सरकार की काफी किरकिरी हुई थी यहां तक की तकरीबन 80 रिटायर्ड अधिकारियों नें पत्र लिख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा तक मांगा था. बता दें कि पिछले साल 3 दिसंबर को बुलंदशहर के स्याना इलाके में कथित रूप से गौवंश के अवशेष मिलने के बाद हिंसा फैल गई थी.
गौवंश के अवशेष मिलने के बाद पुलिस को इसकी सूचना दी गई थी, पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां लोगों की भीड़ पहले से मौजूद थी. पुलिस भीड़ को समझाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन लोग काफी उग्र थे और उन्होंने पुलिस पर ही हमला कर दिया. हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई. वहीं गोली लगने से सुमित नाम का एक युवक भी मारा गया था. बुलंदशहर हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को न सिर्फ गोली मारी गई थी, बल्कि पहले कुल्हाड़ी से उनके सिर पर वार कर बुरी तरह से घायल कर दिया गया था. पुलिस ने 28 दिन बाद इस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह पर कुल्हाड़ी से हमला करने वाले कलुआ उर्फ राजीव को गिरफ्तार किया था.