ब्रेकिंग:

बुराड़ी- सामूहिक आत्महत्या मामले में छोटे बेटे ललित भाटिया की रजिस्टर से खुली सारे रहस्य

नई दिल्ली/लखनऊ  : बुराड़ी के संत नगर में सामूहिक आत्महत्या मामले में घर से मिले दो रजिस्टर की जांच के दौरान क्राइम ब्रांच कुछ चौकाने वाली जानकारियां हाथ लगी हैं. रजिस्टर में लिखावट छोटे बेटे ललित भाटिया की है जिसको वह 2015 से लिख रहा है. पुलिस ने बताया कि रजिस्टर में ललित वे सारी बातें लिखता था जो वह अपने सपने में अपने स्वर्गीय पिता भोपाल सिंह से करता था. भोपाल सिंह की मौत 10 साल पहले हो गई थी.

 

पुलिस को अपनी जांच में पता चला कि ललित के सपने में कभी-कभी उसके पिता आते और उनसे जो भी बात करते उन्हें ललित रजिस्टर में लिख लेता था. ऐसी बातों के अलावा भी ललित कई साधनाओं के बारे में भी लिखता था.

दरअसल, पुलिस को रजिस्टर की जांच करने और परिवार के जानकारों से बातचीत करने से पता चला कि ललित पर अपने स्वर्गवासी पिता भोपाल सिंह का काफी प्रभाव था. वह घर में पिता के सपने में आने की बात बताकर उनके आदेश का पालन करने को सबको कहता था. पुलिस ने बताया कि रजिस्टर में 37 पन्नों में सिर्फ वट पूजा का जिक्र किया गया है, जिसका दिन 30 जून पहले से ही तय था. ये पूजा रात 12 बजे से 1 बजे के बीच करनी थी. किसको क्या करना था, कहां लटकना था. किसी की मदद पट्टी बांधने और हाथ बांधने में नहीं करनी थी. ये सब ललित ने रजिस्टर में लिखा था.

क्राइम ब्रांच ने अपनी जांच में पाया कि घर के सभी 11 सदस्यों ने खुदकुशी की है. और ये कदम पूरे परिवार ने ललित के कहने पर उठाया. ललित ने पूरे परिवार को भरोसा दिलाया था कि वट पूजा यानी बरगद की पूजा कर के वे सब परमात्मा से मिल कर वापस आ जाएंगे और सामान्य ज़िंदगी जीएंगे. पूरा आध्यात्मिक परिवार ललित के इस अंधविश्वास की बातों में आ गया और खुशी-खुशी से बच्चों समेत पूरा परिवार वट पूजा करने के लिए तैयार हो गया.
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट कमिश्नर ने ज़ी न्यूज़ को बताया कि मर्डर का कोई भी सबूत नहीं मिला है. अभी तक की जांच में लगता है कि ललित को शेयर्ड सायकोटिक डिसऑर्डर की बीमारी थी. पुलिस को लगता है कि पूरे परिवार ने ललित के कहने पर बरगद के पेड़ की शाखाओं की तरह लटकने का अभिनय यह सोचकर किया कि उनकी मौत नहीं होगी.

 विश्वास था कि ‘पापा’ आकर बचा लेंगे

जिस तरह से रजिस्टर के नोट में लिखा है, ‘सब लोग अपने अपने हाथ खुद बांधेंगे और जब क्रिया हो जाए तब सभी एकदूसरे के हाथ खोलने में मदद करेंगे.’ इससे ये लगता है कि परिवार के लोगों को मौत का अंदाज़ा नहीं था. वे इसे एक खेल या एक अंधविश्वास के डेमो की तरह कर रहे थे उन्हें लग रहा होगा वे ये क्रिया कर ज़िंदा बच जाएंगे. बुज़ुर्ग महिला ने भी बेड से सटी अलमारी में बेल्ट और चुन्नी के सहारे फांसी लगाई, लेकिन मौत के बाद वह उल्टी गिर गई.

Loading...

Check Also

दिल्ली में बीजेपी और आप के खिलाफ लहर, कांग्रेस की बनेगी सरकार : अलका लांबा 

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनाव में कालकाजी से अपनी उम्मीदवारी …

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com