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बुखार बरपा रहा कहर, ऐसे पहचानें फीवर डेंगू है या वायरल…

लखनऊ। बिना जांच के बता पाना मुश्किल है कि किसको कौन सा बुखार है। क्योंकि डेंगू-मलेरिया, टायफाइड और अन्य वायरल बुखार के शुरुआती लक्षण लगभग मिलते जुलते हैं। अगर डेंगू की पुष्टि कार्ड यानि रैपिड (एनएस1) टेस्ट से या फिर एलाइजा (आइजीएम) से हो चुकी है और सामान्य डेंगू है तो घबराने की जरूरत नहीं है।

इसमें सिर्फ बुखार आने पर पैरासिटामॉल की डोज लें। इसके साथ ही लिक्विड जिसमें पानी, नारियल पानी, सब्जियों व फलों का जूस इत्यादि अधिक मात्रा में लें। इससे चार-पांच दिनों में अपने आप ठीक हो जाएंगे।

  1. क्लासिकल (साधारण) डेंगू बुखार – classical dengue fever : साधारण डेंगू बुखार करीब 5 से 7 दिन तक रहता है जिसके बाद मरीज ठीक हो जाता है। ज्यादातर मामलों में इसी किस्म का डेंगू बुखार पाया जाता है। क्लासिकल डेंगू बुखार के लक्षण ये हैं-
  • ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार होना।
  • सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना।
  • आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, जो आंखों को दबाने या हिलाने से और बढ़ जाता है।
  • बहुत कमजोरी लगना, भूख न लगना, जी मितलाना और मुंह का स्वाद खराब होना।
  • गले में हल्का दर्द होना।
  • शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज होना।
  1. डेंगू हॅमरेजिक बुखार (डीएचएफ) – dengue hemorrhagic fever (DHF) : अगर क्लासिकल साधारण डेंगू बुखार के लक्षणों के साथ-साथ ये लक्ष्ण भी दिखाई दें, तो डीएचएफ हो सकता है। ब्लड टेस्ट से इसका पता लग सकता है। ये हैं डेंगू हॅमरेजिक के लक्षण :
  • नाक और मसूढ़ों से खून आना।
  • शौच या उल्टी में खून आना।
  • स्किन पर गहरे नीले-काले रंग के छोटे या बड़े निशान पड़ जाना।
  1. डेंगू शॉक सिंड्रोम (डीएसएस) – dengue shock syndrome (DSS): इस बुखार में DHF के लक्षणों के साथ-साथ ‘शॉक’ की अवस्था के भी कुछ लक्षण दिखाई देते हैं। जैसे कि –
    • मरीज को बेचैनी होना।
    • तेज बुखार के बावजूद उसकी त्वचा का ठंडा होना।
    • मरीज का धीरे-धीरे बेहोश होना।
    • मरीज की नाड़ी कभी तेज और कभी धीरे चलने लगती है। उसका ब्लड प्रेशर एकदम लो हो जाना।

इन तीनों में से डेंगू हॅमरेजिक बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम का डेंगू सबसे ज्यादा खतरनाक होता है।

वायरल इंफेक्शन

बरसात के मौसम में लोगों को इंफेक्शन के कारण बुखार हो जाता है। इंफेक्शन के कारण हुए बुखार में फ्लू जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। इस दौरान आपको बुखार के साथ ही नाक और आंख से पानी निकलने की समस्या और हल्दी खांसी हो सकती है। इसमें लक्षणों के हिसाब से डॉक्टर्स इलाज करते हैं। इंफेक्शन के कारण हुए बुखार को ठीक होने में 7-8 दिन का समय लग सकता है।

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