नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी 2014 से भी बड़ी जीत से साथ एक बार फिर सत्ता में वापसी की है. नरेंद्र मोदी 30 मई गुरुवार को अपनी कैबिनेट के साथ शपथ लेंगे. हालांकि इसके साथ ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की मांग उठने लगी है. शिवसेना ने राम मंदिर की याद दिलाते हुए कहा कि यह जनादेश श्रीराम के नाम पर मिला है. बता दें कि लोकसभा चुनाव नतीजों के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि प्रभु श्रीराम का काम करना है और राम का काम होकर रहेगा. संघ प्रमुख के बाद शिवसेना ने भी राम मंदिर निर्माण की याद दिलाई है. इसके अलावा शिवसेना ने नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण की तुलना भगवान राम के राज्याभिषेक से की है.
शिवसेना ने बुधवार को सामना के संपादकीय में राममंदिर निर्माण की बात दोहराते हुए लिखा है कि श्रीराम का काम होगा ही, ऐसा वचन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने दिया है. देश की सत्ता में श्रीराम के विचारों वाली सरकार आई है. साथ ही कहा है कि देश में रामराज्य की स्थापना हो इसीलिए करोड़ों जनता ने मोदी को खुलकर वोट दिया है. शिवसेना ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण हो इसके लिए सैकड़ों कारसेवकों ने अपना बलिदान दिया है. उनकी शहादत और खून को व्यर्थ नहीं जाने देंगे. ऐसी विचारधारा की सरकार चुन कर आई है. शिवसेना ने मोदी के तारीफों के पुल बांधते हुए मोदी के शपथ ग्रहण की तुलना अयोध्या में प्रभु श्रीराम के राज्याभिषेक से की है. शिवसेना का कहना है कि अखंड हिंदुस्थान (हिंदुस्तान) का सपना साकार होगा और दुनियाभर में श्रीराम के देश की जय-जयकार होगी. इसे ही हम रामराज्य कहते हैं.
शिवसेना का मानना है कि मोदी ने रामराज्य की कटिबद्धता व्यक्त करते हुए भरोसा जताया है कि इस बार राम का काम होगा. शिवसेना ने विपक्ष पर तंज कसते हुए विरोधियों को रावण, विभीषण और कंस से तुलना की है. शिवसेना ने मोदी सरकार को राममंदिर की याद दिलाते हुए कहा कि चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया था कि अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी जाएगी ही लेकिन वो कानून और सर्वोच्च न्यायालय की सहमति से होगा. हम उनकी भूमिका से सहमत हैं, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय को जनभावना या जनादेश को मानना चाहिए. शिवसेना कहा कि 2019 का लोकसभा चुनाव का नतीजा रामराज्य और राम मंदिर के समर्थन में दिया गया जनादेश है. साथ ही शिवसेना ने एनडीए की इस जीत को श्रीराम का आशीर्वाद बताया है. लोकसभा चुनाव में जीते अपने सभी सांसदों को शिवसेना अयोध्या लेकर जाएगी. चुनाव से पहले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अयोध्या पहुंचे थे और वहां सभी पक्षकारों से मुलाकात भी की थी. शिवसेना ने कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने श्रीराम का नाम लेने वालों पर हमले किए. फिर भी अमित शाह श्रीराम की जय-जयकार करते रहे और बंगाल में बीजेपी को जीत मिली. साथ ही कहा कि कांग्रेस राज में राम अंधेरे में थे, लेकिन अब अयोध्या में दिवाली ही होगी.