नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव में 2014 के नतीजे दोहराने के लिए अपनी तैयारियां पूरी कर ली है. बीजेपी ने 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में जीत का परचम लहराने के लिए अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट तैयार कर ली है. लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर भाजपा ने उत्तर प्रदेश के लिए 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में पीएम मोदी समेत कई दिग्गज नेताओं के नाम हैं, मगर लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी का नाम नहीं है. बीजेपी की उत्तर प्रदेश के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट में पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज और उमा भारती का नाम है. मगर 40 स्टार प्रचारकों की इस लिस्ट में लालकृष्ण आडवाणी का नाम नहीं है.
इतना ही नहीं, इसमें मुरली मनोहर जोशी का नाम भी गायब है. बता दें कि बीजेपी ने इस बार लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को टिकट नहीं दिया है. एलके आडवाणी गांधीनगर से सांसद हैं, मगर इस बार उनकी जगह बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को टिकट दिया गया है. इससे पहले भी खबर आई कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में टिकट कटने और उसके तरीके से भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता लालकृष्ण आडवाणी काफी दुखी हैं. करीबियों का कहना है कि लालकृष्ण आडवाणी टिकट कटने से नहीं, बल्कि इसके तरीके से दुखी हैं. सूत्र बता रहे हैं कि आडवाणी को इस बात का मलाल है कि उनसे इस लेकर किसी बडे़ नेता ने मुलाकात तक नहीं की.
इतना ही नहीं, जिस तरीके से उनका पत्ता काटा गया, वह काफी अपमानजनक था. सूत्र बता रहे हैं कि आडवाणी को जितना दुख टिकट कटने का नहीं, उससे कहीं ज्यादा इसके तरीके से है. बता दें कि लाल कृष्ण आडवाणी गुजरात के गांधी नगर से लगातार 6 बार सांसद रहे हैं. लोकसभा चुनाव 2019 के लिए बीजेपी ने गांधीनगर सीट से उम्मीदवार के तौर पर लाल कृष्ण आडवाणी की बजाय बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का उपयुक्त माना है. अमित शाह इस बार लोकसभा चुनाव में अपना डेब्यू करने जा रहे हैं. भाजपा के पास अपने बुजुर्ग नेताओं के को लेकर एक सख्त रिटायरमेंट पॉलिसी है, जिसे लेकर कांग्रेस ने भी तंज कसा. अटल बिहारी वाजपेयी की नेतृत्व वाली सरकार में उपप्रधानमंत्री रहे लालकृष्ण आडवाणी 75 वर्ष से ऊपर के उऩ 10 नेताओं की लिस्ट में शामिल थे,
जिन्हें इस बार पार्टी ने टिकट नहीं दिया है. कभी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लौहपुरुष कहे जाने वाले लालकृष्ण आडवाणी को उऩकी ही पार्टी ने उम्र का हवाला देकर इस बार चुनाव में नहीं उतारा है. इतना ही नहीं, बीजेपी ने अपनी उम्र वाली पॉलिसी के तहत कई कई बुजुर्ग नेताओं को टिकट नहीं दिया है. 75 वर्ष पार कर चुके नेताओं का टिकट काटने के लिए बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने खुद पहल की. हालांकि इससे पहले हुई पार्टी की बैठक के बाद मीडिया में यह खबर आई थी कि बुजुर्ग नेताओं को पार्टी भले लड़ाएगी, मगर उन्हें सरकार में किसी तरह की जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी. मगर पार्टी ने अब बुजुर्ग नेताओं को मैदान में उतारने की जगह उन्हें आराम देने का फैसला किया.