कोलकाता: भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने सोमवार को आरोप लगाया कि चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर एवं उनकी टीम के सदस्य राज्य सरकार के अधिकारियों के कामकाज में हस्तक्षेप कर रहे हैं और विभिन्न विभागों की गोपनीय फाइलें देख रहे हैं. हालांकि, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और किशोर के संगठन- द इंडियन पॉलिटिकल ऐक्शन कमेटी (आई-पैक) ने इन आरोपों से इनकार किया है. लोकसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं करने के बाद तृणमूल ने प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाली आई-पैक की सेवाएं वर्ष 2021 विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए ली है.
भाजपा के राज्य महासचिव सायंतन बसु ने दावा किया कि प्रशांत किशोर और उनकी टीम के सदस्य लोगों का फीडबैक लेने के नाम पर सरकारी कार्यालयों का दौरा कर रहे हैं, अधिकारियों को आदेश दे रहे हैं और विभिन्न विभागों की गोपनीय फाइलें देख रहे हैं. बसु ने कहा, ‘हमें कोई समस्या नहीं है अगर तृणमूल सलाह के लिए किशोर की सेवाएं ले, लेकिन वे कैसे राज्य सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप कर सकते हैं? हम जानना चाहते हैं कि तृणमूल ने आई-पैक को नियुक्त किया है या राज्य सरकार ने? हम राज्यपाल को इसकी सूचना देंगे. हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘वे सरकारी अधिकारियों को दिए कार्य में हस्तक्षेप कर रहे हैं. कैसे तृणमूल सरकारी कामकाज का राजनीतिकरण कर सकती है?
क्या आई-पैक को सरकारी खर्च पर नियुक्त किया गया है या तृणमूल के खर्च पर?’ बसु के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के संसदीय कार्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पार्थ चटर्जी ने कहा, ‘भाजपा के आरोप निराधार हैं. ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा. कोई सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं कर रहा है.’ आई-पैक के अधिकारियों ने भी बसु के आरोपों से इनकार किया है. गौरतलब है कि प्रशांत किशोर की सलाह पर तृणमूल प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों को पार्टी से सीधा संपर्क करने के लिए हेल्पलाइन नंबर और वेबसाइट की शुरुआत की है. इसके अलावा पार्टी ने बड़े पैमाने पर जनसंपर्क अभियान की योजना बनाई है जिसमें पार्टी के 1,000 नेता अगले 100 दिनों तक लोगों की परेशानी जानने के लिए 10,000 गांवों का दौरा करेंगे.