पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 3 दिन पूर्व भी राज्य के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय को मीडिया से दूर रह कर काम करने की सलाह दी थी लेकिन शायद उन्हें भी अंदाज़ा नहीं हुआ होगा कि राज्य के सीतामढ़ी ज़िले में दो आरोपियों की पुलिस हिरासत में निर्मम तरीक़े से पिटाई के बाद आरोपी पुलिस वाले ही थाने से फ़रार हो जाएंगे.अब तो सीतामढ़ी जिले में निलंबित थाना प्रभारी समेत आठ पुलिस वालों की गिरफ़्तारी के लिए विशेष पुलिस दल का गठन किया गया है. इस मामले में मुख्य आरोपी सीतामढ़ी ज़िले के डुमरा पुलिस स्टेशन के प्रभारी चंद्रभूषण सिंह को गुरुवार को ही हिरासत में लिया गया और उन्हें रून्नीसैदपुर थाने में रखा गया.
लेकिन वहां के थाने थाना प्रभारी की मिलीभगत से वो फ़रार हो गए. हालांकि वहां के थाना प्रभारी को भी अब निलंबित कर दिया गया है इस मामले में चंद्रभूषण सिंह के अलावा सात और पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया और सभी फ़रार हैं इनमें से तो कई पुलिसवाले सरकारी हथियार के साथ नदारद हैं. इस घटना के बाद ज़िले के पुलिस अधीक्षक डी अमर केस का तबादला कर दिया गया है और उनकी जगह नए एसपी की नियुक्ति हुई है.लेकिन इस घटना के बाद राज्य पुलिस मुख्यालय से लेकर जिला पुलिस तक सबके चेहरे पर हवाइयां उड़ रहीं हैं.
दरअसल यह पूरा मामला दो आरोपियों मुहम्मद गुफरान और तस्लीम की पुलिस हिरासत में मौत का है. इन दोनों को लूटपाट के और हत्या के एक मामले में हिरासत में लिया गया लेकिन पुलिस हिरासत में ही उनकी मौत हो गई और बाद में सीतामढ़ी के जिलाधिकारी ने इस बात की पुष्टि की कि मौत टॉर्चर या अत्याधिक पिटाई के कारण हुई जिसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुई है कि फ़िलहाल इस मामले में मुज़फ़्फ़रपुर ज़ोन के IG को विस्तृत जांच करने के लिए कहा गया है.