पटना : बिहार के सबसे बड़े और देश के सबसे बुजुर्ग उद्योगपति व दवा कंपनी एल्केम ग्रुप ऑफ कंपनी के मालिक संप्रदा सिंह का मुंबई के लीलावती अस्पताल में 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया. बिहार के जहानाबाद जिले के ओकरी गांव से निकल कर फोर्ब्स के उद्योगपतियों की सूची में शामिल होनेवाले संप्रदा सिंह को तबीयत खराब होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बिहार और गृह जिले से हमेशा जुड़े रहे संप्रदा सिंह के निधन से उद्योग जगत में शोक की लहर है. उनके निधन पर बिहार के राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी शोक जताया है. संप्रदा बाबू का जन्म 1925 में बिहार के जहानाबाद जिले के मोदनगंज प्रखंड के ओकरी गांव में हुआ था.
उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से बीकॉम की पढ़ाई की. पटना यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद संप्रदा सिंह खेती करना चाहते थे. संप्रदा सिंह के पिता के पास करीब 25 बीघा जमीन थी. वह सब्जी की खेती करना चाहते थे. लेकिन, उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद गांव लौटने पर ग्रामीणों के तंज भी किया. लोग कहते थे श्पढ़े फारसी बेचे तेल, देखो रे संप्रदा का खेल. संप्रदा सिंह ने साल 1953 में पटना में रिटेल केमिस्ट के तौर पर दवा की दुकान खोल कर कॅरियर की शुरुआत की. साथ ही वे अस्पतालों में दवा सप्लाई करने लगे. वर्ष 1960 पटना में मगध फार्मा के बैनर तले फार्मा डिस्ट्रीब्यूशन का व्यापार शुरू किया. कई विदेशी कंपनियों की डिस्ट्रीब्यूटरशिप भी ले ली. लेकिन, वह संतुष्ट होनेवाले नहीं थे.
कारोबार के विस्घ्तार के लिए वह मुंबई रवाना हो गये और नयी पारी की शुरुआत की. संप्रदा सिंह उस समय एक लाख रुपये की पूंजी लेकर मुंबई गये थे. वहां पहुंचने पर उन्होंने अल्घ्केम लैबोरोटरीज नाम की दवा कंपनी बनायी. पहले उन्होंने दूसरी दवा फैक्टरियों में अपनी दवा बनवायी. दवा की मांग बढ़ने पर संप्रदा ने अपनी दवा फैक्टरी शुरू की. संप्रदा सिंह 8 अगस्त, 1973 से ही अल्घ्केम लैबोरेटरीज लिमिटेड के नॉन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहे हैं. साल 2017 में फोर्ब्स इंडिया द्वारा जारी भारत के अमीरों की सूची में बिहार के संप्रदा सिंह ने रिलायंस ग्रुप के अनिल अंबानी को भी पीछे छोड़ दिया था. संप्रदा सिंह को 43वां स्थान और अनिल अंबानी को 45वां स्थान मिला था. वहीं, फोर्ब्स की ‘द वर्ल्ड बिलियनेयर्स लिस्ट-2018’में संप्रदा सिंह की 1.2 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ 1,867वें पायदान पर रहे थे.