दोनों के पास उन तमाम लोगों की सूची है जिनको पिछले कुछ सालों में इन्होंने हथियार बेचे थे.
लखनऊ : बिहार के मुंगेर से 20 एके-47 की बरामदगी के सिलसिले में राज्य पुलिस ने एक और मास्टरमाइंड मंजर आलम को गिरफ़्तार किया हैं. मंजर की गिरफ्तारी पटना के एक गेस्ट हाउस से हुई और उसके संबंध अन्य आरोपियों से भी हैं. हालांकि इस मामले की जांच के लिए बिहार सरकार ने एनआईए को पत्र लिखा है, लेकिन मंजर की गिरफ़्तारी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस मामले में मंजर और मोनाजिर की मुख्य भूमिका रही है. ये हथियारों को मेड इन मुंगेर बनाकर बेचते थे. दोनों आपस में रिश्तेदार भी हैं और इनका साला-बहनोई का रिश्ता है.
दोनों के पास उन तमाम लोगों की सूची है जिनको पिछले कुछ सालों में इन्होंने हथियार बेचे थे. जिनमें एके- 47 सबसे खतरनाक हथियार है. अभी तक की जांच के दौरान पूछताछ में इन्होंने स्वीकार किया है कि उतर प्रदेश के दो विधायकों और बिहार के एक बाहुबली विधायक को ये हथियार बेचे थे. पुलिस का कहना है कि मुंगेर से लेकर जबलपुर और अन्य जगहों पर चल रहे हथियारों की तस्करी के इस खेल के अधिकांश प्रमुख आरोपी अब उनके क़ब्ज़े में हैं. अब जांच का केंद्र वे लोग हैं जिन्होंने अवैध हथियार खरीदे थे.
पुलिस के मुताबिक अवैध हथियार खरीदने वाले अधिकतर लोगों के नाम उनके पास आ गए हैं, लेकिन उनसे पूछताछ के लिए कुछ और साक्ष्य जुटाने बाक़ी हैं. जांच टीम का मानना है कि कुछ हथियार नक्सलियों को भी बेचा गया है. इस पूरे घटनाक्रम से एक बात साफ़ है कि बिहार और खासकर मुंगेर से हथियारों की तस्करी का धंधा खुलेआम चल रहा है. अगर पूर्व में पुलिस ने इस गैंग को अपने गिरफ़्त में लिया होता तो इतनी बड़ी संख्या में अवैध हथियारों की ख़रीद बिक्री सम्भव नहीं थी.