ब्रेकिंग:

बिहार : कुर्मी-धानुक समाज नितीश कुमार के खिलाफ 2 नवंबर को पटना में करेंगे” स्‍वाभिमान सम्‍मेलन”

लखनऊ /पटना : बिहार में अपनी उपेक्षा से नाराज कुर्मी-धानुक समाज ने मुख्‍यमंत्री नितीश कुमार की खिलाफत में उतरने का फैसला किया है. धानुक-कुर्मी एकता मंच के प्रदेश अध्‍यक्ष जितेंद्र नाथ के अनुसार, धानुक-कुर्मी एकता मंच आगामी 2 नवंबर को पटना के श्रीकृष्‍ण मेमोरियल हॉल में सम्‍मान व स्‍वाभिमान सम्‍मेलन के जरिए अपना अपना शक्ति प्रदर्शन करेगा. उन्‍होंने बताया कि आज बिहार में धानुक और कुर्मी समाज ठगा हुआ महसूस कर रहा है. इस समाज से लगभग 14 फीसदी से ज्‍यादा आबादी के बावजूद सांसद, विधान मंडल, मंत्रिमंडल और अन्‍य संवैधानिक पदों पर प्रतिनिधित्‍व लगातार घट रहा है.उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति आजादी के समय भी नहीं थी. राज्‍य में कभी 40–50 फीसदी के बीच जनप्रतिनिधियों की संख्‍या हुआ करती थी. मगर, आज हम सिर्फ दर्जन में सिमट कर रह गए हैं. अब ऐसा लगने लगा है कि धानुक-कुर्मी समाज की सुध लेने वाला कोई नहीं है. उन्‍होंने कहा कि 1994 में पटना के गांधी मैदान में हुई कुर्मी चेतना महारैली में उमड़े जन सैलाब का कुछ नेताओं ने राजनीतिक फायदा उठाया और वे सत्ता के शीर्ष पर पहुंचे. आज वही नेता इस समाज का शोषण कर रहे हैं.

 जीतेंद्र नाथ ने कहा कि हर स्‍तर पर इस समाज के लोगों के बीच दूराव की स्थिति बनाने की कोशिश हुई है. बलौनी (शेखपुरा), सत्तरकटैया (सहरसा) और ई. अजय राय (रोहतास) की हत्‍या की घटना में पुलिस बर्बरता और शासन की चुप्‍पी ने तो सारी हदें पार कर दी हैं. अब तो हालत ये हो गई है कि हमें नैसर्गिक न्‍याय के लिए भी दर–दर भटकना पड़ रहा है. बड़हिया टाल क्षेत्र की तीन पंचायतों को घाट–कुसुम्‍भा प्रखंड में शामिल करने की सरकारी अधिसूचना भी बंद सरकारी मुट्ठी में दम तोड़ रही है.धानुक-कुर्मी एकता मंच कोर कमेटी के वरिष्‍ठ सदस्‍य अनिल कुमार ने कहा कि राजनीतिक प्रतिबद्धता से अलग सामाजिक आधार पर वैचारिक और बौद्धिक लोगों का आगामी 02 नवंबर 2018 को पटना के श्रीकृष्‍ण मेमोरियल हॉल में जुटान होगा, जहां धानुक-कुर्मी के राजनीतिक और सामाजिक भविष्‍य पर चर्चा कर बड़ा निर्णय लिया जायेगा. सम्‍मेलन की तैयारी के सिलसिले में मंच के प्रधान महासचिव राजीव कुमार ने बताया कि विभिन्‍न जिलों में घूमने के बाद एक बात जो उभर कर सामने आई है, वो ये कि सिर्फ व्‍यक्ति की राजनीति के कारण आज धानुक-कुर्मी समाज राजनीतिक, आर्थिक, प्रशासनिक एवं अन्‍य मामलों में काफी पीछे चला गया है, जिसका आक्रोश विभिन्‍न जिलों में सम्‍मेलन की तैयारी के संबंध में बैठक में देखने को मिला.

Loading...

Check Also

जम्मू-कश्मीर का पहला विधानसभा का सत्र प्रारम्भ, आर्टिकल 370 हटाने के खिलाफ प्रस्ताव

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, जम्मू : छह साल में पहली बार बुलाई गई जम्मू-कश्मीर विधानसभा …

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com