लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के सभी विभागों से भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ एक्शन के लिए तैयार है. गुरुवार (02 अगस्त) को उन्होंने ये निर्देश जारी किए हैं कि सभी फाइलों का निस्तारण तीन दिन के अंदर किया जाए. उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन के सभी विभाग के अधिकारी हर पत्रावली का निस्तारण तीन दिन में करें. उन्होंने कहा कि बिना किसी कारण अगर तीन दिनों से ज्यादा फाइलें रोकी गईं, तो कार्रवाई उसके खिलाफ की जाएगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नौकरशाही को सुधारने के लिए कई बार नसीहत और चेतावनी दे चुके हैं. लगातार मिल रही शिकायतों को देखते हुए सीएम ने मुख्य सचिव अनूप चंद पांडेय की अध्यक्षता में टास्क फोर्स गठित की गई है. भ्रष्टाचार से निपटने के लिए यूपी की सभी जांच एजेंसियों के प्रमुख को टास्क फोर्स में शामिल किया गया है.
इससे पहले भी सीएम योगी आदित्यनाथ ने शासन स्तर पर अधिकारियों के खिलाफ लंबित मामलों में दो महीने के अंदर कार्रवाई पूरी करने को आदेश दिए थे. एसआईटी, ईओडब्ल्यू, एंटी करप्शन, विजिलेंस, कोऑपरेटिव सेल, सीबीसीआईडी की लंबित जांच में गति लाने के निर्देश दिए हैं. सीएम ने 400 से अधिक लंबित मामलों में कार्रवाई के लिए दो महीने की डेडलाइन निर्धारित की.