लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बिजली की कीमतों में की गयी 12 प्रतिशत की असहनीय व्रद्धि की कठोर शब्दों में भर्त्सना की है। योगी सरकार द्वारा गत 21 माहों में यह दूसरी बड़ी व्रद्धि है। भाकपा ने इस व्रद्धि के खिलाफ आज से ही विरोध दर्ज कराना शुरू कर दिया है और 11 सितंबर को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर धरने प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा॰ गिरीश ने कहाकि राज्य विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भाजपा को भारी बहुमत प्रदान करने की सजा उत्तर प्रदेश की जनता को दी जा रही है। एक ओर दिल्ली की केजरीवाल सरकार मुफ्त बिजली देरही है वहीं उत्तर प्रदेश की सरकार जनता को बड़ी कीमतों के बोझ तले दबाये देरही है। 12 सितंबर से लागू होने जारही विद्युत दर व्रद्धि के द्वारा गरीब, मध्य और उच्च सभी तबकों को आहत किया गया है। पहले से ही महंगाई और आर्थिक मंदी से पीड़ित जनता को सरकार ने यह करारा झटका दिया है। इससे पहले प्रदेश सरकार ने डीजल और पेट्रौल पर वैट बढ़ा कर उनकी कीमतें बढ़ा दीं। अभी हाल में केन्द्र सरकार ने रसोई गैस की कीमतें बढ़ा दीं। अब राज्य सरकार डीजल वाहनों की टैक्स दर बढ़ाने जारही है। आवागमन के साधनों पर तमाम टैक्सों के बावजूद अधिकतर मार्गों पर टोल टैक्स वसूला जारहा है। नये मोटर वाहन कानून के तहत भारी जुर्माना लगाया जारहा है। केन्द्र और उत्तर प्रदेश सरकार के इन कोड़ों की मार से हर आदमी लहूलुहान महसूस कर रहा है। लूट खसोट और भ्रष्टाचार में लिप्त तथा फासीवाद की राह पर चल रही इस सरकार ने प्रतिरोध की आवाज दबाने का अभियान छेड़ रखा है। मध्यान्ह भोजन में नमक के साथ रोटी परोसने का वीडियो जारी करने वाले मिर्जापुर के पत्रकार के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इससे पूर्व भी कई मीडियाकर्मियों को प्रताड़ित किया है। प्रमुख रूप से बिजली की बड़ी दरें वापस लेने की मांग और महंगाई बढ़ाने वाले इन सारे कदमों पर प्रतिरोध दर्ज कराने को भाकपा राज्य काउंसिल ने 11 सितंबर को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। स्थानीय स्तर पर प्रतिरोध दर्ज कराने का क्रम आज से ही शुरू कर दिया गया है।भाकपा ने सभी जन हितैषी ताकतों से इन प्रतिरोध प्रदर्शनों को सहयोग प्रदान करने और उनमें भागीदारी की अपील की है।
बिजली की बड़ी दरों के खिलाफ भाकपा का प्रतिरोध प्रदर्शन 11 सितंबर को
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