लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने नेपाल एवं मध्य प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों में हो रही वर्षा तथा अन्य प्रदेशों से जल छोड़े जाने के कारण गंगा, यमुना सहित अन्य नदियों में आ रही बाढ़ से प्रभावित जनपदों के मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों सहित सम्बन्धित अधिकारियों को राहत कार्यों में तेजी लाने हेतु कड़े निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जनपदों में नदियों के किनारे बसे गांव के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर यथाशीघ्र पहुंचाकर उनके ठहरने एवं खाने-पीने की समुचित व्यवस्था करा दी जाये। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित कराया जाये कि किसी भी दशा में मानव एवं पशुहानि कतई न होने देने के लिये आवश्यक व्यवस्थायें समय से पूर्ण हो जायें। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित स्थलों का जनपदीय एवं तहसील स्तरीय अधिकारी स्वयं निरीक्षण कर आवश्यक व्यवस्थायें समय से सुनिश्चित करायें। उन्होंने कहा कि आगामी एक सप्ताह में होने वाली संभावित वर्षा को दृष्टिगत रखते हुये आवश्यक व्यवस्थायें समय से सुनिश्चित करा ली जायें। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित जनपदों में राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की शिथिलता क्षम्य नहीं होगी।मुख्य सचिव आज लोक भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जनपदों में आवश्यक व्यवस्थायें समय से सुनिश्चित कराने हेतु विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की नदियों में अन्य प्रदेशों से छोड़े जाने वाले पानी का आंकलन कर सम्बन्धित जनपदों में नदियों में संभावित बाढ़ को दृष्टिगत रखते हुये आवश्यक व्यवस्थायें समय से पूर्ण करा ली जायें, ताकि कोई भी क्षति कतई न होने पाये।
राजेन्द्र कुमार तिवारी ने निर्देश दिये हैं कि बाढ़ग्रस्त जनपदों में बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद हेतु संचालित कण्ट्रोल रूमों का 24 घंटे संचालन सुनिश्चित कराया जाये, ताकि प्रभावित लोगों की मदद यथाशीघ्र कराने में किसी भी प्रकार की असुविधा न होने पाये। उन्होंने कहा कि जनमानस संभावित बाढ़ की जानकारी देकर जागरूक करने के साथ-साथ बचाव एवं राहत कार्यों हेतु प्रभावित लोगों की मदद हेतु आवश्यकतानुसार नाव की व्यवस्था भी समय से करा दी जाये। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित स्थलों में प्रभावित लोगों के सहायतार्थ रहने हेतु सुरक्षित स्थान तथा खाने-पीने की व्यवस्था के साथ आवश्यकतानुसार आवश्यक चिकित्सा सुविधा हेतु आवश्यक दवाईयों की व्यवस्थायें भी सुनिश्चित करायी जायें। उन्होंने कहा कि आपदा से प्रभावित व्यक्तियों,आश्रितों को अधिकतम 12 घंटे के अन्दर मुआवजे का भुगतान कराया जाना सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने कहा कि आपदा से प्रभावित क्षेत्रों के पशुओं हेतु पर्याप्त चारा तथा आवश्यक उपचार की व्यवस्था सुनिश्ति करा ली जाये।