ब्रजेश के पास से अब तक सीबीआइ को 25 करोड़ से अधिक की संपत्ति के रिकॉर्ड मिले हैं
लखमऊ : बालिका गृह मामले में ब्रजेश ठाकुर की मिस्ट्री वुमेन मधु की गिरफ्तारी होने के बाद कई राज खुलने की बात कही जा रही है। ब्रजेश के पास से अब तक सीबीआइ को 25 करोड़ से अधिक की संपत्ति के रिकॉर्ड मिले हैं। उसकी अकूत संपत्ति बताई जा रही है जिसके रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं।
सीबीआइ की टीम ने ब्रजेश की संपत्ति का पता लगाने के लिए निबंधन विभाग से संपर्क स्थापित किया था और वहां से 25 करोड़ से अधिक की संपत्ति के रिकॉर्ड मिले। दूसरी ओर ब्रजेश की संस्थाओं व उनके बेटा, बेटी व पत्नी के बैंक खातों की भी सीबीआइ जांच कर रही है। इसके लिए शहर के विभिन्न बैंकों से संपर्क किया गया है। ब्रजेश के रिश्तेदारों की संपत्ति का भी रिकॉर्ड सीबीआइ की टीम खंगाल रही है।
निबंधन कार्यालय ने ब्रजेश की संपत्ति के बारे में पचास पेज का ब्योरा सीबीआइ को दिया है। कहा जा रहा कि सभी अंचलों में ब्रजेश की चल व अचल संपत्ति है। हाल ही में ब्रजेश के द्वारा होटल व मकान आदि की खरीद की भी रिपोर्ट निबंधन कार्यालय से ली गई है। साथ ही पटना, दिल्ली समेत अन्य शहरों में भी ब्रजेश की संपत्ति अर्जित करने की बात सामने आने पर उन शहरों में भी सीबीआइ की टीम जांच में जुटी है।
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सीबीआइ ने ब्रजेश की निजी संपत्ति के साथ उसकी संस्थाओं के नाम से निबंधित संपत्ति की खरीद-बिक्री पर भी रोक लगाने की कवायद में जुटी है। इसके लिए निबंधन विभाग को पत्र दिया गया है। सीबीआइ इनकी संस्था के नाम से निबंधित संपत्ति का भी रिकॉर्ड लिया है। साथ ही हर दिन इसका अपडेट लिया जाएगा।
बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपित ब्रजेश का लालटेनपट्टी (रेडलाइट एरिया) में भी एक मकान था। कैदखाने की तरह बने इस मकान के सबसे ऊपरी तल पर वामा शक्ति वाहिनी का कार्यालय चलता था। इसकी बनावट इस तरह की है कि बाहर से इसमें रह रहीं लड़कियों के चेहरे तक नजर नहीं आते थे। मोहल्ले के लोग बताते हैं कि 18 वर्ष से अधिक उम्र की लड़कियों को इसमें रखा जाता था।ब्रजेश ने वामा शक्ति वाहिनी नामक संस्था चलाने के लिए लालटेनपट्टी में अपनी मां मनोरमा देवी के नाम से जमीन खरीदी थी। इसके बाद मकान बनाया था। यह जमीन अकबर नामक व्यक्ति की थी। इस मकान के ठीक पीछे मधु का घर है। मकान के पीछे से भी दूसरी तरफ जाने का रास्ता है। इसलिए यहां होने वाली घटना की जानकारी किसी को नहीं हो पाती थी।