बाटा इंडिया लिमिटेड को एक पेपर बैग के लिए 3 रुपए चार्ज करना महंगा पड़ गया. इसके एवज में कंपनी पर 9 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है. साथ ही सेवाओं में कमी और पेपर बैग के भुगतान को लेकर चंडीगढ़ उपभोक्ता फोरम ने फटकार भी लगाई। फोरम ने कंपनी को निर्देश दिए हैं कि वह सामान खरीदने वाले अपने सभी ग्राहकों को फ्री कैरी बैग दे. सेक्टर 23-बी निवासी दिनेश प्रसाद ने अप्रैल में सेक्टर-22 डी स्थित बाटा शो रूम से एक जोड़ी जूते खरीदे थे. जूते के लिए दिनेश ने स्टोर को 402 रुपए का भुगतान किया, बिल में पेपर बैग भी शामिल था. उन्होंने पेपर बैग के 3 रुपए के रिफंड को लेकर चंडीगढ़ उपभोक्ता फोरम में शिकायत की थी. पहले कंपनी ने ग्राहक के आरोपों का खंडन किया था. हालांकि फोरम ने कंपनी को सेवा में कोताही का दोषी करार देते हुए उस पर जुर्माना लगाया है. उन्होंने पेपर बैग के 3 रुपए रिफंड मांगे थे और कंपनी के सर्विस पर सवाल उठाए थे. उपभोक्ता फोरम ने कहा कि ग्राहक को पेपर बैग के भुगतान के लिए मजबूर करना गलत है. ये कंपनी के खराब सर्विस को दर्शाता है. पेपर बैंग कंपनी को मुफ्त देना चाहिए. पेपर बैग के पैसे ग्राहक से नहीं लिए जाने चाहिए बल्कि सुविधा के लिए लिहाज से उसे बैग मुहैया कराना चाहिए. फोरम ने कहा कि अगर कंपनियां सच में पर्यावरण के बारे में चिंतित हैं तो उन्हें अपने ग्राहकों को पर्यावरण के अनुकूल बैग देना चाहिए. फोरम ने अपने फैसले में बाटा लिमिटेड को पेपर बैग के पैसे लौटाने को कहा है. साथ ही 1000 हजार रुपए के अलावा मानिसक पीड़ा के लिए ग्राहक को 3 हजार रुपए के भुगतान के आदेश दिए है. इसके अलावा उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के लीगल एड अकाउंट में 5000 रुपये जमा करने का भी आदेश दिया है.
बाटा को पेपर बैग के लिए 3 रुपए चार्ज करना पड़ा महंगा, कंपनी पर लगा 9 हजार रुपए का जुर्माना
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