बीजिंग। चीन और अमेरिका के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की आगामी लोकतंत्र शिखर वार्ता को लेकर टकराव चल रहा है जिसे चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी उसके अधिकारवादी तरीकों को चुनौती के तौर पर देखती है। बाइडन की करीब 110 अन्य सरकारों के साथ दो दिवसीय डिजिटल बैठक की शुरुआत से पांच दिन पहले चीन की शनिवार को ”चीन: लोकतंत्र जो काम करता है” शीर्षक वाली एक रिपोर्ट जारी करने की योजना है और कम्युनिस्ट पार्टी का कहना है कि चीन का अपना एक लोकतंत्र है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि इस बैठक में भाग लेने वाले लोग इस पर चर्चा करेंगे कि दुनियाभर के लोकतंत्र के लिए खड़े होने के वास्ते एक साथ मिलकर कैसे काम किया जाए। उन्होंने कहा, ”इसके लिए हमें कोई खेद नहीं होगा।” वह चीन के उप विदेश मंत्री ली युचेंग की टिप्पणियों का जवाब दे रही थी।
ली ने अमेरिका का नाम लिए बगैर कहा, ”उसका दावा है कि वह यह लोकतंत्र के लिए कर रहा है, लेकिन असल में यह लोकतंत्र के बिल्कुल विरुद्ध है। इसका वैश्विक एकजुटता, सहयोग और विकास पर अच्छा असर नहीं पड़ेगा।” उल्लेखनीय है कि इस शिखर वार्ता के लिए रूस और चीन को आमंत्रित नहीं किया गया है। कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा कि उनका तंत्र देश के लोगों की सेवा करता है और उसने इसके लिए मध्यम आय वाले देश में त्वरित विकास और कोविड-19 से मौत के मामले कम करने में मिली सफलता का हवाला दिया।
अधिकारियों ने बंदूक हिंसा से लेकर यूएस कैपिटोल में विद्रोह तक अमेरिकी लोकतंत्र की नाकामियों को उजागर किया। अमेरिका ने अपनी शिखर वार्ता में ताइवान को भी शामिल करके चीन को नाराज कर दिया है। चीन इस स्व-शासित द्वीप को अपना हिस्सा बताता है और उसके किसी विदेशी सरकार से संपर्क रखने पर आपत्ति जताता है।