हल्द्वानी। म्यांमार और लैटिन अमेरिका में तैयार सिंथेटिक ड्रग्स की खेप उत्तराखंड पहुंचाई जा रही है। ये ड्रग्स बांग्लादेश के रास्ते एनसीआर और फिर यहां लायी जा रही है। ये खुलासा रुद्रपुर में एक करोड़ रुपये की अधिक की हेरोइन पकड़ने के बाद हुआ।
बता दें कि बीते मंगलवार को रुद्रपुर पुलिस और एसओजी ने पिपलिया निवासी शुभकर विश्वास, शीमलपुर गाईगाटा पश्चिम बंगाल निवासी विश्वजीत मजूदमदार और फुलतला हावड़ा पश्चिम बंगाल निवासी खोकन गोलदार को पकड़ा था।
इनके पास से 1.03 किलोग्राम एमडीएमए ड्रग्स और 31.17 ग्राम स्मैक बरामद हुई। इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक करोड़ रुपये से अधिक कीमत है। आरोपियों से पूछताछ में यह बात सामने आई कि एमडीएमए ड्रग्स म्यांमार और लैटिन अमेरिका में तैयार की जाती है। इसकी रेव पार्टी और पहाड़ के पर्यटन स्थलों पर अधिक मांग है।
लैटिन अमेरिका और म्यांमार से ये ड्रग्स पहले बांग्लादेश लाई जाती है। इसके बाद ये ड्रग्स बांग्लादेश के बार्डर भारत के झारखंड में पहुंचाई जाती है। झारखंड से ड्रग्स को एनसीआर लाया जाता है। जहां से ये ड्रग्स टुकड़ों में देश के विभिन्न राज्यों तक पहुंचाई जाती है।
चूंकि उत्तराखंड पर्यटन राज्य है और यहां पूरे देश से लोग भ्रमण के लिए आते हैं और यहां के रिसॉर्ट में रेव पार्टी आम बात है। इन पार्टी में म्यांमार और लैटिन अमेरिका में बने सिंथेटिक ड्रग्स की अच्छी खासी मांग है। यही वजह है कि यहां सिंथेटिक ड्रग्स का बाजार बेहद तेजी से पांव पसार रहा है।
अब तक की बरामदगी
1721.75 लीटर कच्ची शराब
2294.985 लीटर देसी शराब
1129.65 लीटर अंग्रेजी शराब
101.15 लीटर बीयर
0.541 किलो हेरोइन
4.125 किलो चरस