बांग्लादेश में पुलिस ने 27 वर्षीय एक इस्लामिक उपदेशक को देश के विरुद्ध भाषण देने और व्यवस्था भंग करने के आरोप में एक बार फिर गिरफ्तार किया है। इस बार आरोपी को डिजिटल सुरक्षा कानून (डीएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया है। मीडिया में आयी खबरों में बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी गई।
रैपिड एक्शन बटालियन के निदेशक (कानून एवं मीडिया) कमांडर खानडाकेर अल मोइन ने बताया कि रफीकुल इस्लाम मदनी को उत्तरी बांग्लादेश के नेत्रकोना जिले में उसके पैतृक घर से पकड़ा गया। वह सावतुल हीरा मदरसा का निदेशक है।
‘द ढाका ट्रिब्यून’ की खबर के मुताबिक, ”शिशु वक्ता” के नाम से मशहूर मदनी पर देश के विरुद्ध टिप्पणियां करने के साथ ही अशांति भड़काने के आरोप में डिजिटल सुरक्षा कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
एक महीने से भी कम समय में यह दूसरी बार है जब मदनी को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने यहां भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा का विरोध करने के लिए ढाका में मदनी के साथ 30 अन्य लोगों को 25 मार्च को गिरफ्तार किया था। उस समय मदनी को कुछ ही घंटों के भीतर रिहा कर दिया गया था।
मदनी की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए इस्लामिक पैरोकार समूह हिफाजत-ए-इस्लाम बांग्लादेश ने उपदेशक को जल्द से जल्द रिहा करने की मांग की। मदनी इस समूह की केंद्रीय समिति का सदस्य है। हिफाजत नेताओं ने कहा कि अगर मदनी को रिहा नहीं किया गया तो वे जोरदार आंदोलन करेंगे।