अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बदायूं में गैंगरेप घटना ने लोगों को अंदर तक हिलाकर रख दिया है। रेप के साथ ही पीड़िता के साथ जिस तरह की दरिंदगी हुई वह इंसानियत को शर्मसार करने वाली है। इस बीच गुरुवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी बदायूं पहुंची। उन्होंने पीड़िता के परिवार से मुलाकात से पहले एसएसपी के साथ बैठक कर पूरे मामले की जानकारी ली।
इसके बाद उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और दु:ख-दर्द सुना। वहांं से वह घटना स्थल पर पहुचीं। लोगों और अधिकारियों से घटना की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि पूरे मामले में पुलिस की लापरवाही हुई है। जिसकी वजह से महिला के साथ दरिंदगी हुई है।
अगर पुलिस चाहती तो घटना व महिला की जान बच सकती थी। उघेती की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, जिसमें हम पुलिस की कार्यवाही से संतुष्ट नहीं हैं। कहा कि अगर पुलिस चाहती तो महिला की जान बच सकती थी और घटना होने से भी बच सकती थी लेकिन पुलिस हादसा दिखाने के लिए लीपापोती करती रही।
महिला 18 घंटे पड़ी रही। पुलिस ने एफआईआर लिखने में देरी की। महिला को जिला अस्पताल समय से नहीं पहुंचाया। आरोपियों पर समय से करवाई नहीं की गई। जिसकी वजह से इतनी बड़ी घटना हो गई। पुलिस की सक्रियता होती तो इतनी बड़ी और दरिंदगी वाली घटना नहीं होती।
कहा कि महिलाओं को लेकर सरकार तो गंभीर है। मिशन शक्ति जैसे अभियान भी चल रहे हैं मगर इसका इन दरिंदों पर कोई असर नहीं है। भले ही ऐसे मामलों में कार्रवाई होती है मगर फिर भी घटनाओं पर अंकुश नहीं लग रहा है।
चंद्रमुखी देवी ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ शुरू से ऐसी घटनाओं के सख्त खिलाफ हैं। हमें विश्वास है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। गौरतलब है कि राष्ट्रीय महिला आयोग ने बदायूं गैगरेप केस सामने आने के बाद तुरंत इस घटना का संज्ञान लिया है।
आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कल ही आयोग की एक सदस्य के बदायूं जाने के बारे में जानकारी दी थी। आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी देखेंगी कि महिला से गैंगरेप के मामले में कार्रवाई ठीक से हुई है या नहीं। अगर हुई है तो कितनी़?
बदायूं में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य आने की खबर से कल से ही पुलिस विभाग में खलबली मची थी। इस मामले में पुलिस ने अब तक दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मुख्य आरोपी पुजारी पुलिस की गिरफ्त से अब तक फरार है।
यूपी के बदायूं जिले में महिला से गैंगरेप के बाद हुई हैवानियत के मामले पुलिस लगातार फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है। पुलिस ने महंत के चेले और ड्राइवर को गिरफ्तार लिया है। मामले में इंस्पेक्टर रावेंद्र प्रताप सिंह की खुली लापरवाही सामने आई। इस पर एसपी देहात सिद्धार्थ वर्मा और सीओ बिल्सी अनिरुद्ध सिंह प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी ने थानेदार को निलंबित कर दिया।