अगले हफ्ते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करने वाली है। कोरोना संकट के बीच इस बार के बजट से उद्योग को लेकर आम आदमी को बड़ी उम्मीदें हैं। सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्री आयकर की धाराओं में कर छूट की सीमा बढ़ाकर करदाताओं के हाथ में अधिक पैसे पहुंचाने की तैयारी में हैं।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्री नई कर व्यवस्था में भी डोनेशन (दान) के तहत टैक्स छूट का फायदा दे सकती है। साथ ही मानक कटौती (स्टैंडर्ड डिडक्शन) की सीमा 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 80 हजार रुपये की जा सकती है।
यही नहीं 80 सी के तहत निवेश के जरिए मिलने वाली छूट का दायरा भी 50 हजार रुपये बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। सूत्रों के जरिए हिंदुस्तान को मिली जानकारी के मुताबिक वित्त मंत्री नई टैक्स व्यवस्था में भी 80 जी के तहत मिलने वाली टैक्स छूट का फायदा दे सकती है। देशहित और सामाजिक कारणों के लिए डोनेशन को बढ़ावा देने के लिए सरकार बजट में ये कदम उठा सकती है।
पिछले साल बजट में विकल्प के तौर पर करदाताओं के लिए कम कर दरों वाली स्लैब का ऐलान किया गया था लेकिन इस सिस्टम में 80जी समेत ज्यादातर डिडक्शन खत्म कर दिए गए थे। बजट बैठकों के दौर में इस प्रस्ताव पर चर्चा हुई कि नई कर व्यवस्था में 80जी के तहत डिडक्शन को बहाल किया जाए। इसके तहत पीएम नेशनल रिलीफ फंड और पीएम केयर्स में 100 टैक्स छूट, सामाजिक-धार्मिक चैरिटेबल संस्था में डोनेशन पर 50 फीसदी की छूट का प्रावधान किया जा सकता है।
इसके अलावा केंद्र सरकार स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत मिलने वाली 50 हजार रुपए की छूट की सीमा को बढ़ाकर 80 हजार रुपए कर सकती है। ये वह रकम होती है जो किसी व्यक्ति टैक्स के दायरे की आय में से घटाने के बाद टैक्स के लिए कैलकुलेट की जाती है। इस रकम को हटाने से सीधे टैक्सेबल इनकम घट जाती है।
बजट में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरका 80 सी का भी दायरा बढ़ा सकती है। मौजूदा दौर में इसके तहत डेढ़ लाख रुपए का फायदा मिलता है सरकार से बढ़ाकर दो लाख रुपए तक कर सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को आगामी बजट में घर से काम करने वाले कर्मचारियों को टैक्स कटौती का लाभ देने पर विचार कर सकती है। इस कदम से बाजार में मांग को बढ़ाने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि कोरोना के बाद वर्क फ्रॉम होम का कल्चर तेजी से बढ़ा है। इसको देखते हुए सरकार राहत दे सकती है।