नई दिल्ली: शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कई मुद्दों पर बात की. सबसे पहले उन्होंने कहा कि मेरे बयानों का गलत मतलब निकालने का काम किया जा रहा है. नेहरु की अच्छी बातों का पालन करना चाहिए. जब उनसे पूछा गया कि क्या आप पीएम की रेस में हैं ? तो उन्होंने साफ लहजों में कहा कि मैं प्रधानमंत्री की रेस में नहीं हूं….
अंतरिम बजट के सवाल पर उन्होंने कहा कि लोगों के हितों के लिए बजट देना हमारा राजनीतिक अधिकार है, कर्तव्य है, जिम्मेदारी है. अगर नहीं देते तो आप कहते कि किसानों, आम लोगों के लिए कुछ नहीं किया. हम नेता हैं संत नहीं. हमने अंतरिम बजट के जरिए संविधान का उल्लंघन नहीं किया.
गडकरी से जब सवाल किया गया कि बजट में 6000 रुपये किसान को दिये गये हैं? प्रतिदिन 17 रुपये हुए. किसान संगठन कह रहे हैं कि कुछ नहीं दिया? तो उन्होंने कहा कि 5 एकड़ जमीन रखने वालों किसानों के लिए ये कम नहीं है. जब गडकरी से कहा गया कि बजट पर राहुल गांधी ने कहा है कि जनता सरकार पर सर्जिकल स्ट्राइक करेगी. तो केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम सोना भी देते तो राहुल कहते लोहा दिया. गडकरी से जब राहुल गांधी से दोस्ती के संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि राजनीति में विचारों की भिन्नता है, मनभेद नहीं होना चाहिए. मेरी ना किसी से दोस्ती है ना दुश्मनी है.
जब गडकरी से सवाल किया गया कि भाजपा के बहुत सारे नेता राहुल गांधी पर व्यक्तिगत हमले क्यों करते हैं? इस पर उन्होंने ने कहा कि वो भी कहते हैं श्देश का प्रधानमंत्री चोर है. ये कहना भी सही नहीं है. सब लोग मिलकर राजनीति का स्तर खराब कर रहे हैं. अयोध्या में राम मंदिर के सवाल पर गडकरी ने कहा कि देश के करोड़ों लोगों की इच्छा है कि जहां राम का जन्म हुआ है वहां मंदिर निर्माण हो. गडकरी से जब सवाल किया गया कि बजट से 2019 के चुनावों में सरकार लौट रही है? कितनी सीटों के साथ लौट रही है? तो उन्होंने कहा कि जैसा बजट है उससे लगता है कि हमें पिछली बार से भी ज्याद सीटें मिलेंगी और सरकार वापस आएगी.