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बजट: अखिलेश यादव तथा मायावती ने बजट को बताया यूपी की जनता के साथ धोखा, कांग्रेस भी बिफरी

लखनऊ। 

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के चौथे बजट पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। योगी सरकार के चौथे बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के चौथे बजट को बिना किसी विजन तथा रोड मैप वाला बताया है।

सपा कार्यालय में पांच लाख करोड़ से ज्यादा का बजट पेश करने पर अखिलेश यादव ने कहा कि अगली बार इससे भी बड़ा बजट होगा और वो हर बजट को ऐतिहासिक करार देते हैं।

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा सरकार का चौथा बजट अंतिम बजट माना जाता है । अब एक ओर  बजट भाषण में झूठे वादे और खोखले दावे किए गए है। अखिलेश ने कहा कि योगी सरकार ने यूपी की छवि जरूर बदल दी है। यूपी अब गोली और बोली से जाना जा रहा है।

उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि माँ गंगा की जितनी सफाई हुई है वो दिखाई पड़ रही है। बजट में आज सबसे पहले लिखा है कि यहां गंगा यमुना है लेकिन दोनों का हाल बुरा है । किसानों की आय कई बार दोगुना करने की बात कही गई लेकिन अभी तक एक फीसद भी आय नहीं बढ़ी है ।

इस सरकार ने किसी के लिए कुछ भी नहीं हुआ, सरकार ने सभी को सिर्फ धोखा दिया है। नौजवानों को नौकरी देने का बात करने वाली सरकार भर्तियां तक नहीं कर रही है। शिक्षा विभाग में 2 लाख भर्ती होनी चाहिए थी, जो अभी तक नहीं हुई। अखिलेश ने कहा, इस सरकार ने किसी के लिए कुछ नहीं किया है। सिर्फ लोगों को धोखा दिया है।

सरकार बताएं 22 करोड़ पौधे कहां लगे है। स्मार्ट सिटी कहां बने। यूपी में एक भी सैनिक स्कूल नहीं खोले। सरकार ने किसानों को बीज से लेकर कुछ भी नही दिया। किसानों के साथ छल किया।

उनका कर्ज माफ नहीं किया, इसलिए किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर हैं।सरकार के दावों पर सवाल उठते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने अब तक चार बजट पेश किए हैं जिसमें किसानों, नौजवानों व महिलाओं को निराशा मिली है।

यह सरकार का आखिरी बजट है क्योंकि अगला बजट तो चुनावी बजट होगा। उन्होंने कहा कि इस बजट से साबित हो गया है कि सरकार के पास न तो कोई विजन है। न कोई रोडमैप है सिर्फ खानापूर्ति हो रही है।

अखिलेश यादव ने सरकार के निवेश के दावों पर कहा कि उन्हें बताना चाहिए कि अभी तक कितना निवेश जमीन पर उतरा क्योंकि जब भी निवेश आता है तो सरकार की तरफ से की गई इंसेंटिव (सहूलियतों) का भी जिक्र होता है।

सरकार ने कोई इंसेंटिव नहीं दिया। इसका तो सीधा सा मतलब यही है कि अभी तक कोई निवेश नहीं हुआ है। योगी आदित्यनाथ सरकार पूर्वांचल एक्सप्रेस वे बनवाने का दावा करती है। इसकी शुरुआत तो समाजवादी सरकार ने की थी।

इस सरकार ने सिर्फ इस एक्सप्रेस वे का नाम बदला और जबरदस्ती कास्ट कटिंग की। इसके बाद ये वैसा नहीं बन पाएगा जैसा इसका प्रस्ताव समाजवादी सरकार ने तैयार किया था।

सरकार को आज अपना काम बताना चाहिये था लेकिन वो नही बताया। पिछ्ले बजट मे जो कहा गया था वो अभी तक पूरा नहीं हुआ।

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने जहां बजट को जनता के साथ धोखा बताया है, बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि योगी आदित्यनाथ की यूपी सरकार का आज विधानसभा में पेश बजट जनता की आशाओं व आकांक्षाओं के साथ छलावा है।

इस बजट से प्रदेश का विकास व प्रदेश की 22 करोड़ जनता का हित तथा कल्याण संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि यही बुरा हाल इनके पिछले तीन बजट का भी रहा है।

मायावती ने कहा कि इनके बजट ही जनहित तथा जनकल्याण के मामले में भारतीय जनता पार्टी की कमजोर इच्छाशक्ति का परिणाम हैं। मायावती ने कहा कि यूपी सरकार के आज के बजट में जो भी बड़े-बड़े दावे तथा वादे किए गए हैं वह सभी पिछले अनुभवों के आधार पर काफी खोखले व कागजी ही ज्यादा लगते हैं।

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की तरह ही उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की भाजपा की सरकार ऐसे दावे व वादे क्यों करती है जो लोगों को आम तौर पर जमीनी हकीकत से दूर तथा विश्वास से परे लगते हैं ।

किसान व युवाओं के साथ धोखा : कांग्रेस

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि 450 रूपये प्रति कुन्तल गन्ने का मूल्य देने की घोषणा करके सत्ता में आने के बाद भाजपा तीन वर्षों में गन्ने के मूल्य में महज 10 रूपये की ही वृद्धि कर पाई है।

इस बजट में रिटायर्ड शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में नौकरी देने की घोषणा बेरोजगार युवाओं के साथ विश्वासघात है। अजय कुमार लल्लू ने बजट 2020-21 को आंकड़ों की बाजीगरी बताया है।

उन्होंने कहा कि युवा और किसानों को इस बजट से घोर निराशा के साथ धोखा हुआ है। 450 रूपये प्रति कुन्तल गन्ने का मूल्य देने की घोषणा करके सत्ता में आने वाली भाजपा तीन वर्ष में गन्ने के मूल्य में महज 10 रूपये की ही वृद्धि कर पाई है।

कृषि पर लागत कम करने, खाद, बीज, पानी, कृषि यन्त्र, कीटनाशक, बिजली आदि के दामों में कमी का कोई प्रावधान बजट में नहीं किया गया है। न ही कृषि उत्पादित गेहूं, धान एवं तिलहन की फसलों के मूल्य पर प्रति कुंतल 200 रूपये से लेकर 1500 रूपये तक बोनस देने का प्रावधान है।

इसे प्रदेश सरकार ने बजट में कोई महत्व नहीं दिया है, जबकि तीन वर्ष में इन अनिवार्य कृषि उपयोग की चीजों के दामों में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हो चुकी है।

3200 रूपये प्रति कुंतल गेहूं का मूल्य होना चाहिए था, जो नहीं किया गया। इसके अतिरिक्त किसान आयोग का गठन और खेतों में रखवाली करने वालों के लिए भत्ता का भी कोई प्राविधान नहीं किया गया है।बजट में रिटायर्ड शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में नौकरी देने की घोषणा बेरोजगार युवाओं के साथ विश्वासघात है।

कौशल विकास योजना भी छलावा साबित हुई। अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना की घोषणा भी झूठ का पुलिन्दा है। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के घोषित नवोदय विद्यालय को खत्म करने की साजिश है क्योंकि इसमें बजट नहीं बढ़ाया गया है, उसके मुकाबले फीस वृद्धि और सुविधाएं घटाई गई हैं। शिक्षा मित्र, आंगनबाड़ी, रसोइयां, आशा बहू, रोजगार सेवक, चैकीदार, होमगार्ड, अनुदेशक एवं मदरसा शिक्षकों के लिए बजट में कुछ भी नहीं है जो अत्यन्त निराशाजनक है।

 

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