लखनऊ-डेस्क: फेसबुक डेटा लीक प्रकरण के मध्य में रही ब्रिटिश कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका ने अपना सारा कामकाज तत्काल प्रभाव से बुधवार को बंद करने की घोषणा की. कंपनी ने ब्रिटेन और अमेरिका में स्वयं को दिवालिया घोषित करने के लिए आवेदन देने की भी घोषणा की है.
कंपनी ने एक बयान में कहा, यह तय किया गया है कि अब व्यवसाय में बने रहने की कोई संभावना नहीं है. कंपनी पर फेसबुक के करोड़ों यूजर्स की निजी जानकारी का दुरुपयोग करने का आरोप है. लंदन स्थित इस एनालिटिक्स कंपनी की पैरेंट कंपनी एससीएल ग्रुप के संस्थापक नाइजेल ओक्स ने इस पुष्टि करते हुए कहा कि कंपनी अपना बिजनेस बंद कर रही है. कंपनी की ओर से कहा गया है कि आरोपों के बाद क्लाइंट मिलने में मुश्किल हो रही है जिससे काम करना आसान नहीं है.
कंपनी ने अपना बयान जारी करते हुए कहा है कि पिछले कुछ महीनों में हमारी कंपनी के ऊपर गलत आरोप लगाए गए हैं. अपने रिकॉर्ड को सही करने के बावजूद स्थिति ठीक नहीं हो सकी. इसके अलावा लीगल तौर पर भी कंपनी को अपमानित करने की कोशिश की गई.
कंपनी ने बयान दिया है कि दुनियाभर में कंपनी को कई लीग मामलों का सामना करना पड़ रहा है, जो कि आसान नहीं है. ऐसे में कंपनी को दोबारा खड़ा करना और वो पुराना विश्वास पैदा करना काफी मुश्किल हो जाता है.
गौरतलब है कि मामले के खुलासे के बाद भारत सरकार ने भी कैम्ब्रिज एनालिटिका पर कड़ा रुख अपनाया था. सरकार की ओर से कंपनी से नोटिस जारी किया गया था. लेकिन अब जब कंपनी ने काम बंद करने की ही घोषणा कर दी है, तो इससे संशय पैदा होता है कि क्या अब भारत सरकार को उसके सवालों का जवाब मिल पाएगा या नहीं.
मार्च महीने में कंपनी के सीईओ अलेक्जेंडर निक्स को निलंबित कर दिया गया था. निक्स ने ऑन रिकॉर्ड दूसरे देशों के चुनावों को प्रभावित की बात स्वीकार की थी. इसके तकरीबन दो महीने बाद कंपनी ने अपना कामकाज बंद करने का ऐलान किया है.
कैम्ब्रिज एनालिटिका ने अवैध तरीके से करोड़ों फेसबुक यूजर्स के अकाउंट में सेंध लगाई थी. व्हिसलब्लोअर क्रिस्टोफर विली ने पहले इस मामले का खुलासा किया था. फेसबुक ने अप्रैल में इस मामले को स्वीकार किया था कि 87 मिलियन यूजर्स के डेटा में कैंब्रिज एनालिटिका ने सेंध लगाई थी.
कैम्ब्रिज एनालिटिका ने 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप के लिए काम किया था. हाल ही में कंपनी पर यह भी आरोप लगा था कि उसने 2014 में भारत के आम चुनावों को भी प्रभावित किया था.