
लुसैल स्टेडियम, क़तर :
मेसी बनाम एमबापे
एक्सट्रा टाइम में फ्रांस के खिलाड़ी अर्जेंटीना के मुक़ाबला ज्यादा कंट्रोल में नज़र आए
लेकिन एक्सट्रा टाइम के शुरुआती पंद्रह मिनट में दोनों ही टीमों में से कोई गोल नहीं कर सकीं. अर्जेंटीना के पास 105वें मिनट में गोल करने का मौका था लेकिन फ्रांस के लिए डायो उपामेकानो ने अच्छा बचाव किया.
एक्सट्रा ट्राइम के दूसरे हाफ में मेसी ने 109वें मिनट में गोल करके अर्जेंटीना को बढ़त दिला दी.
फ़ाइनल में लियोनेल मेसी का ये दूसरा और मौजूदा वर्ल्ड कप का सातवां गोल था. इसके साथ उन्होंने अर्जेंटीना की ओर से एक वर्ल्ड कप में सबसे अधिक गोल जमाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया. मेसी ने मारियो केम्प्स के 1978 के छह गोल के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा.
मैसी, उनकी टीम के साथियों और समर्थकों की खुशी ज़्यादा देर तक कायम नहीं रही.
मैच के 117वें मिनट में एमबापे ने पेनल्टी पर फ्रांस के लिए तीसरा गोल किया. ये मैच में एमबापे की हैट्रिक यानी तीसरा गोल था. इस गोल के साथ उन्होंने एक बार फिर फ्रांस को अर्जेंटीना की बराबरी पर ला दिया.
ये 1966 के बाद किसी खिलाड़ी की ओर से वर्ल्ड फ़ाइनल में लगाई गई पहली हैट्रिक थी. 1966 में सर जेफ़ हर्स्ट ने हैट्रिक जमाई थी.
एक्सट्रा टाइम तक स्कोर बराबर रहा तो मैच का फ़ैसला पेनल्टी शूटआउट होना तय हुआ.
अर्जेंटीना ने तीसरी बार वर्ल्ड कप जीता है. इसके पहले अर्जेंटीना ने 1986 और 1978 में फ़ुटबॉल के मैदान पर बादशाहत कायम की थी.
लेकिन, ये मैच सिर्फ़ अर्जेंटीना के लिए याद नहीं किया जाएगा.
क़तर के लुसैल स्टेडियम में खेले गए मैच को फ्रांस के संघर्ष और उसके मेगा स्टार खिलाड़ी किलियन एमबापे के करिश्मे के लिए भी याद किया जाएगा.
- अर्जेंटीना ने फ़ाइनल में फ़्रांस को हराकर फ़ुटबॉल वर्ल्ड कप 2022 जीत लिया.
- अर्जेंटीना ने तीसरी बार वर्ल्ड कप जीता है. 1978 और 1986 में भी अर्जेंटीना टीम चैंपियन बनी थी.
- फ़ाइनल मैच का फ़ैसला पेनल्टी शूट आउट से हुआ और 4-2 से अर्जेंटीना के हक़ में रहा.
- दूसरे हाफ़ के बाद दोनों टीमें 2-2 और एक्सट्रा टाइम के बाद 3-3 से बराबर थीं.
- अर्जेंटीना के लिए लियोनेल मेसी ने दो और मारिया ने एक गोल किया.
- फ्रांस के लिए तीनों गोल किलियन एमबापे ने किए.
- टूर्नामेंट में आठ गोल करने वाले एमबापे को ‘गोल्डन बूट’ मिला.
- सात गोल करने वाले लियोनेल मेसी प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट चुने गए
ये वो वक़्त था जब तमाम फैन्स की सांसें तेज़ हो गईं. धड़कनें बेकाबू हो गईं.
दरअसल, फ़ाइनल के पहले ही मेसी कह चुके थे कि ये उनका आखिरी वर्ल्ड कप है. रिकॉर्ड सात बार बेलोन डी ओर यानी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फ़ुटबॉलर का ख़िताब जीत चुके मेसी ने रविवार रात के पहले तक वर्ल्ड कप ट्रॉफ़ी नहीं जीती थी और उनके बेहतरीन करियर में यही एक कमी थी.
एमबापे ने डेढ़ मिनट के अंदर दो गोल दागे तो लगने लगा कि मानो वो तय कर बैठे हैं कि मेसी के हाथ कप नहीं आने देंगे.

एमबापे का ही कमाल था कि मैच एक्सट्रा टाइम तक गया और एक्सट्रा टाइम के बाद भी दोनों टीमें 3-3 की बराबरी पर रहीं. फ़ाइनल का फ़ैसला पेनल्टी शूट आउट से हुआ. यहां अर्जेंटीना टीम 4-2 से फ्रांस पर भारी पड़ी.
पेनल्टी शूट आउट में पहला गोल फ्रांस के लिए एमबापे ने किया. वहीं अर्जेंटीना के लिए पहला गोल मेसी ने किया.
लेकिन इसके बाद अगले तीन मौकों में फ्रांस की ओर से सिर्फ कालो माउनी ही गोल कर सके. वहीं, अर्जेंटीना के लिए पाउलो डिबाला, लियांद्रो पारेडेस और गोंजालो मोंटिएल ने भी गोल किए और अपनी टीम को जीत दिला दी.
फ्रांस का लगातार दो बार वर्ल्ड कप जीतकर ब्राज़ील के 60 साल पुराने रिकॉर्ड की बराबरी का सपना टूट गया.
मेसी प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट चुने गए. वहीं फ़ुटबॉल वर्ल्ड कप 2022 में आठ गोल दागने वाले एमबापे ने ‘गोल्डन बूट’ हासिल किया.
पहले हाफ़ में अर्जेंटीना हावी
अर्जेंटीना की टीम मैच की शुरुआत से हावी नज़र आ रही थी. अर्जेंटीना ने मैच के पहले हाफ में दो गोल किए. सात मिनट इंजरी टाइम मिलाकर 52 मिनट के पहले हाफ़ में अर्जेंटीना की टीम का पूरा दबदबा रहा.
अर्जेंटीना के लिए पहला गोल कप्तान लियोनेल मेसी ने दागा. मैच के 23वें मिनट में उन्होंने टीम को मिली पेनल्टी को गोल में बदल दिया. उनकी किक का फ्रांस के गोलकीपर ह्यूगो लॉरिस के पास कोई जवाब नहीं था.
इस गोल के साथ लियोनेल मेसी वर्ल्ड कप इतिहास के पहले खिलाड़ी बन गए जिन्होंने एक वर्ल्ड कप में ग्रुप स्टेज, क्वार्टर फ़ाइनल, सेमीफ़ाइऩल और फ़ाइनल में गोल किया.
मेसी के गोल दागते ही लुसैल स्टेडियम में मौजूद अर्जेंटीना के समर्थक उछलने-कदूने और नाचने लगे.
अर्जेंटीना को ये पेनल्टी तब मिली, जब फ्रांस के खिलाड़ी उस्मान डेम्बले ने अपनी टीम के बॉक्स के अंदर अर्जेंटीना के खिलाड़ी एंगेल डि मारिया को गिरा दिया.
मैच के 36वें मिनट में अर्जेंटीना ने अपनी बढ़त दोगुनी कर ली. दूसरा गोल मारिया ने ही किया.
लियोनेल मेसी ने जूलियन अल्वरेज़ की ओर गेंद को फ्लिक किया. उनके पास से गेंद एलेक्सिस मैक एलिस्टर के पास पहुंची. उनसे गेंद एंगेल डि मारिया ने ली और फ्रांस के खिलाड़ियों को छकाते हुए बहुत खूबसूरती से दूसरा गोल किया.
ये गोल करने के बाद मारिया की आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े.
एमबापे ने कराई वापसी
दूसरे हाफ की शुरुआत में भी अर्जेंटीना ने दबदबा बनाए रखा. अर्जेंटीना के स्ट्राइकर लगातार फ्रांस के बॉक्स पर हमले बोलते रहे.

कुछ मौके ऐसे रहे जब लगा कि अर्जेंटीना की टीम गोल करने के बिल्कुल करीब है. 65 वें मिनट में मारिया मैदान के बाहर गए और उनकी जगह मार्कस अकूना मैदान पर आए.
70वें मिनट में किलियन एमबापे अर्जेंटीना के खिलाड़ियों को छकाते हुए गोलपोस्ट के करीब पहुंचे लेकिन उनका शॉट गोलपोस्ट के ऊपर से निकल गया.
फ्रांस के लिए मैच में वापसी तब हुई जब अर्जेंटीना के बॉक्स में निकोलस ओतोमेंदी ने फ्रांस के कोलो मुआनी को रोकने की कोशिश की.
इसे लेकर 79वें मिनट में फ़्रांस को पेनल्टी मिली और एमबापे ने इस बार कोई ग़लती नहीं की. इसके दो मिनट के बाद एमबापे ने दूसरा गोल दागते हुए फ्रांस को बराबरी पर ला दिया.
ये एमबापे का मौजूदा वर्ल्ड कप में सातवां गोल था. एमबापे के कमाल पर तमाम दूसरे फैन्स के साथ फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों भी खुशी से उछल पड़े.
दूसरे हाफ के इंजरी टाइम के आठवें मिनट में मेसी ने फ्रांस के गोलपोस्ट पर गेंद दागी लेकिन ह्यूगो लॉरिस ने जबरदस्त बचाव किया.
पेनल्टी शूटआउट
पेनल्टी शूटआउट में फ्रांस की ओर से एमबापे ने ही पहली किक मारी और गोल दाग दिया. अर्जेंटीना की ओर से पहली किक मेसी ने मारी और उन्होंने भी मौके को भुना लिया.
अर्जेंटीना के लिए पाउलो डिबाला ने दूसरा गोल दागा. तीसरा गोल लियांद्रो पारेडेस ने किया. दो खिलाड़ियों के चूकने के बाद फ्रांस के लिए दूसरा गोल कालो माउनी ने दागा.
अर्जेंटीना के लिए गोंजालो मोंटिएल ने चौथा गोल दागा और देश को 36 साल बाद वर्ल्ड चैंपियन बना दिया.
हार के बाद एमबापे टी शर्ट में अपना सिर झुकाकर बैठ गए. उन्हें सांत्वना देने राष्ट्रपति मैक्रों खुद पिच पर आए.