शिमला: प्रदेश भर में बारिश और बर्फबारी फसलों के लिए संजीवनी बनकर बरसी हैं। किसानों और बागवानों को ताजा हिमपात और बारिश से सेब, गेहूं, मटर, चेरी, खुमानी और नाशपाती के बंपर उत्पादन की उम्मीद जगी है। कृषि और बागवानी विशेषज्ञों का कहना है कि जनवरी की बर्फबारी बागवानी के उत्पादन के लिए शुभ है। बागवानी विशेषज्ञ डा. एसपी भारद्वाज कहते हैं कि सेब की फसल के लिए जनवरी की फसल संजीवनी का काम करती है। बागवानों को सेब और फलदार पेड़ों की प्रमुख शाखाओं में फंसी बर्फ हटाने का काम शुरू कर दें। बर्फ से पेड़ों को नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि बगीचों में बर्फबारी के बाद लंबे समय तक नमी बनी रहेगी।
बर्फ पिघलने के बाद तौलिए की मिट्टी एक ईंट तक भुरभुरी होने पर ही बागवान खाद डालने का काम करें। बर्फ और बारिश गेहूं की फसल के लिए अच्छी मानी जा रही है। इससे पहले दिसंबर में गेहूं की फसल को बारिश और बर्फ मिली थी। इसके अलावा मटर और अन्य सब्जियों के लिए बर्फबारी अच्छी है। राजधानी शिमला समेत प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में ताजी बर्फबारी के बाद हजारों सैलानी उमड़ पड़े हैं। वीकएंड पर शिमला, कुल्लू, मनाली सहित अन्य प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर पहुंचे सैलानी भी बर्फबारी से गदगद हैं।
प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी की चेतावनी के बीच रविवार सुबह से ही हिमपात शुरू हो गया। राज्य के ऊंचाई वाले इलाकों में लगातार बर्फबारी होती रही जबकि शिमला में रुक-रुक कर हिमपात होता रहा। बर्फबारी की सूचना मिलते ही पड़ोसी राज्य पंजाब, हरियाणा सहित दिल्ली और चंडीगढ़ से सैलानी शिमला पहुंच गए। रविवार सुबह से ही शिमला के होटलों में पर्यटकों का आना शुरू हो गया। शिमला के माल रोड और रिज मैदान में सैलानी बर्फबारी के बीच मस्ती करते रहे। कुफरी, चायल, कुल्लू, मनाली में भी हजारों की संख्या में सैलानी उमड़े और बर्फ का आनंद उठाते रहे।