नई दिल्ली। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन के बीच एक के बाद एक आई सरकारों द्वारा अध्यादेशों के उपयोग को लेकर उस वक्त वाकयुद्ध छिड़ गया, जब विपक्षी नेता ने केंद्र पर संसद का मजाक उड़ाने के लिए अध्यादेशों को लाने का आरोप लगाया।
जोशी के सोमवार रात को कई ट्वीट पर ओ ब्रायन ने तीखी प्रतिक्रिया की, जिन्होंने इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) प्रमुखों के कार्यकाल को बढ़ाने के लिए अध्यादेश लाने पर सरकार पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट किया था। उन्होंने एक ‘ग्राफिक’ भी पोस्ट किया जिसमें दिखा कि 17वीं लोकसभा में, हर 10 विधेयकों के लिए लगभग चार अध्यादेश लाए गए और 2014 से इसका दुरुपयोग कैसे किया गया।
जोशी ने पलटवार करते हुए इस बात का जिक्र किया कि कैसे पूर्व की कांग्रेस सरकारों ने अध्यादेशों का इस्तेमाल किया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान अब तक कुल 524 अध्यादेश जारी किए गए। उन्होंने कहा कि अकेले 5वीं लोकसभा के दौरान 96 अध्यादेश जारी किए गए थे। उन्होंने पूछा कि क्या डेरेक ओ ब्रायन इन उक्त आंकड़ों के बारे में बता सकते हैं?
जोशी ने कहा कि अध्यादेश लोकतंत्र का हिस्सा हैं। तृणमूल कांग्रेस से इसे समझने की उम्मीद नहीं है क्योंकि हमने देखा है कि पश्चिम बंगाल में अन्य पार्टियों के लोकतांत्रिक अधिकारों का क्या होता है। हमने माननीय उच्च न्यायालय की टिप्पणी को देखा है और यह भी कि पश्चिम बंगाल की विधानसभा में कितने सत्र आयोजित किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि साथ ही, ओ ब्रायन को यह जानने और स्वीकार करने में देर नहीं हुई है कि कांग्रेस पार्टी, जिसे उनकी अपनी तृणमूल कांग्रेस पार्टी द्वारा समर्थन प्राप्त है, सबसे अलोकतांत्रिक पार्टी है। क्या उन्हें यह याद दिलाने की जरूरत है कि कांग्रेस ने राज्य सरकारों को 93 बार बर्खास्त करने के लिए अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल किया है? अपने जवाब में, ओ ब्रायन ने कहा कि वह अपने आंकड़ों पर अडिग हैं। उन्होंने कहा कि मोदी और शाह, मैंने यह ग्राफिक यह दिखाने के लिए पोस्ट किया है कि 2014 के बाद से अध्यादेशों का किस तरह से अति प्रयोग किया गया है।