नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद गुरुवार को प्रयागराज के कुंभ मेले में पहुंचे. प्रयागराज हवाईअड्डे पर पहुंचे राष्ट्रपति का स्वागत करने प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे थे. राम नाईक और योगी ने राष्ट्रपति को गुलाब का फूल देकर उनका स्वागत किया. इस दौरान कोविंद ने संगम नोज पर गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र त्रिवेणी संगम की वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना की. खास बात है कि राष्ट्रपति कोविंद कुंभ आने वाले देश के दूसरे राष्ट्रपति हैं. उनके पहले देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद वर्ष 1953 में कुंभ मेला आए थे और संगम में पुण्य की डुबकी लगाई थी. बता दें कि राष्ट्रपति कोविंद संगम नोज क्षेत्र का भ्रमण भी किया.
इस मौके पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. कुंभ मेले का आनंद उठाने के लिए बृहस्पतिवार को प्रयागराज आए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि कुंभ आस्था का चुम्बक है जो लोगों को अपनी ओर खींच लाता है. घाट से राष्ट्रपति कोविंद क्रूज से संगम तक गए और त्रिवेणी पूजा के लिए संगम नोज पर बनाई गई जेटी पर गए. संगम में पुजारी दीपू मिश्रा ने 21 बटुकों के साथ राष्ट्रपति और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को विधि विधान से पूजा अर्चना कराई. राष्ट्रपति कोविंद गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के विहंगम दृश्य को देखकर अभिभूत हो गए. उन्होंने करीब आधा घंटे तक गंगा और यमुना में सैर की. राष्ट्रपति पिछले वर्ष माघ मेले में भी परिवार के साथ आए थे.
अरैल घाट पर तीन दिवसीय ‘गांधीवाद पुनरूत्थान शिखर सम्मेलन’ का उद्घाटन करने के बाद राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, “यह मेरा सौभाग्य है कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति डाक्टर राजेंद्र प्रसाद के बाद मुझे कुंभ मेले में मोक्षदायनी गंगा के पावन तट पर आने का अवसर प्राप्त हुआ.” उन्होंने कहा कि यह एक सुखद संयोग है कि कुम्भ के आयोजन के साथ हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती मना रहे हैं. कुम्भ एक बहुत बड़े पैमाने पर लोगों के मिलन का महोत्सव है. कुम्भ एक अनूठा आयोजन है और विश्व के लिये आकर्षण का केन्द्र है. शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “कुम्भ गांधी जी की 150वीं जयंती के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अभियान है.
कुम्भ में पहली बार 1 लाख 22 हजार 500 शौचालय बनाकर हमने गांधी जी के स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाने में योगदान किया है. इस शिखर सम्मेलन में प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, जूना अखाड़ा के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष, महंत नरेन्द्र गिरि जी महाराज, हरिजन सेवक संघ के अध्यक्ष शंकर सान्याल और जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती भी शामिल हुईं.