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प्रमुख सचिव ने कानपुर मेट्रो का दौरा कर निर्माण कार्यों की गति पर जताई संतुष्टि

  • यूपी मेट्रो के एमडी बोले- अब ‘सिविल’ से ‘सिस्टम’ की ओर बढ़ चुका है कानपुर मेट्रो का काम

राहुल यादव, कानपुर। शनिवार को दीपक कुमार, प्रमुख सचिव, आवास और शहरी नियोजन विभाग, उत्तर प्रदेश शासन ने आईआईटी से मोतीझील के बीच बन रहे कानपुर मेट्रो के 9 किमी. लंबे प्रयॉरिटी कॉरिडोर का दौरा कर निर्माण कार्यों की समीक्षा की। इस समीक्षा दौरे में प्रमुख सचिव के साथ कानपुर मंडल के मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर और यूपी मेट्रो के प्रबंध निदेशक कुमार केशव भी मौजूद रहे। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि. (यूपीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक केशव ने प्रमुख सचिव को पॉलिटेक्निक स्थित मेट्रो डिपो, लखनपुर स्थित कास्टिंग यार्ड और आईआईटी मेट्रो स्टेशन का दौरा कराया, जिस दौरान उन्होंने जानकारी दी कि कानपुर मेट्रो परियोजना अब सिविल के कामों को पूरा करते हुए मेट्रो परिचालन के लिए आवश्यक सिस्टमों को लगाने या इन्सटॉल करने के काम की ओर तेज़ी से बढ़ रही है।

जुलाई तक मेट्रो डिपो में लग जाएंगीं सभी ज़रूरी मशीनें
कास्टिंग यार्ड में मीडिया बंधुओं के साथ हुई बातचीत में यूपी मेट्रो के एमडी ने बताया कि 30 नवंबर, 2021 तक आईआईटी से मोतीझील के बीच बन रहे प्रयॉरिटी कॉरिडोर पर मेट्रो का ट्रायल रन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और इस दिशा में आगे बढ़ते हुए वायडक्ट के साथ-साथ डिपो का काम भी तेज़ी के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है और जुलाई तक ‘डिपो मशीनरी एवं प्लान्ट सिस्टम’ की 7 सबसे प्रमुख और बड़ी मशीनें इन्सटॉल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिससे कि सितंबर में पहले मेट्रो ट्रेन सेट के आने से पूर्व सारी तैयारियां पूरी हो सकें।

इन मशीनों के नाम और काम हैं:

  1. फ़ुली ऑटोमैटिक सीएनसी अंडर फ़्लोर पिट व्हील लेथ मशीन (रेल व्हील टर्निंग के लिए)
    2.फ़ुली ऑटोमैटिक सिंक्रोनाइज्ड पिट जैक मशीन (मेंटेनेंस के दौरान ट्रेन कोच को उठाने और नीचे करने के लिए)
  2. फ़ुली ऑटोमैटिक सिंक्रोनाइज़्ड मोबाइल जैक (इसका काम भी पिट जैक की तरह ही होता है, बस इसे एक जगह से दूसरी जगह भी ले जाया जा सकता है)
  3. बोगी टर्न टेबल (मेंटेनेंस के दौरान मेट्रो कोच की बोगी/पहियों को एक ट्रैक से दूसरे ट्रैक पर ले जाने के लिए)
  4. ऑटोमैटिक ट्रेन वॉश प्लांट (मेट्रो ट्रेनों की ऑटोमैटिक सफ़ाई के लिए)
  5. इलेक्ट्रिक बोगी शंटर (मेट्रो ट्रेन को एक ट्रैक से दूसरे ट्रैक पर ले जाने के लिए)
  6. री-रेलिंग ऐंड रेस्क्यू व्हीकल (मेन लाइन या डिपो के अंदर डी-रेल होने या पटरी से उतरने की स्थिति में मेट्रो कोच को वापस ट्रैक पर लाने के लिए)

निरीक्षण के बाद मेट्रो कार्यों की प्रगति पर संतुष्टि ज़ाहिर करते हुए प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने कहा, “कानपुर मेट्रो केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका काम उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लि. (यूपीएमआरसी) द्वारा सुयोनियत ढंग से और समयबद्धता के साथ क्रियान्वित किया जा रहा है। काम की गति को देखते हुए मैं आश्वस्त हूं कि निर्धारित समय-सीमा के अंतर्गत शहरवासियों को मेट्रो सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी। देशभर में मेट्रो परियोजनाओं का क्रियान्वयन हो रहा है, लेकिन कानपुर मेट्रो का काम सबसे तेज़ है।”

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