लखनऊ। उत्तर प्रदेश शासन ने आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर द्वारा प्रमुख सचिव गृह अरविन्द कुमार के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, लखनऊ के समक्ष दायर आपराधिक मानहानि के मुकदमें में अभियोजन स्वीकृति देने से मना कर दिया है, अमिताभ ने आरोप लगाया था कि आईजी रूल्स एवं मैन्युअल के पद पर तैनाती संबंधित कार्य निष्पादन मूल्यांकन रिपोर्ट (पीएआर) में समीक्षक अधिकारी के रूप में श्री कुमार ने अनुचित टिप्पणियां की थीं, जो मानहानि की श्रेणी में आता है. उन्होंने श्री कुमार के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति की मांग की थी,सुरेश कुमार पाण्डेय, संयुक्त सचिव, नियुक्ति विभाग ने अभियोजन स्वीकृति देने से मना करते हुए कहा कि श्री कुमार ने पीएआर पर प्रमुख सचिव गृह के रूप में टिप्पणी की थी,
न कि व्यक्तिगत क्षमता में. इस टिप्पणी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सहमति प्रदान की थी. उन्होंने कहा कि यह गोपनीय प्रविष्टि कोई सार्वजानिक दस्तावेज नहीं है तथा नियोक्ता एवं कार्मिक के मध्य सीमित है, जिसकी अन्य व्यक्ति तक पहुँच संभव नहीं है. अतः शासन ने इसे मानहानि के अंतर्गत अपवाद बताते हुए अभियोजन स्वीकृति खारिज कर दिया। अमिताभ ने आरोप लगाया था कि आईजी रूल्स एवं मैन्युअल के पद पर तैनाती संबंधित कार्य निष्पादन मूल्यांकन रिपोर्ट (पीएआर) में समीक्षक अधिकारी के रूप में श्री कुमार ने अनुचित टिप्पणियां की थीं, जो मानहानि की श्रेणी में आता है.